देहरादून: रायपुर स्थित पीआरड़ी ग्राउन्ड में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आने वाला समय अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष करने वाले गरीबों, मलिनबस्तियों में रहने वालों, व बहनों व माताओं का होगा। एक बेहतर राज्य के निर्माण के लिए हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अमीर-गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी, युवा सभी वर्गों को साथ चलना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारी सरकार खेत-खलिहान, गांव, माताओं, बहनों, बुजुर्गों, गंगा, गाय, गाड़ गदेरों की न सिर्फ बात करती है बल्कि इसके लिए योजनाएं बनाकर साकार भी की हैं। हमने श्रमिकों के पंजीकरण को प्रोत्साहित किया। पंजीकृत श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हर गरीब को अपने घर में रहने का अधिकार मिल सके इसके लिए उŸाराखण्ड जन आवास योजना के तहत 35 हजार मकान बनाए जाएंगे। मलिन बस्तियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड सर्वाधिक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने वाला राज्य है। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 74 हजार से बढ़कर 7 लाख से भी अधिक हो गई है। हमने पेंशन की राशि को 400 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए किया है। विधवा, वृद्धावस्था एवं विकलांग पेन्शन से आगे बढ़कर, हम अक्षम व परित्यकत्ता नारी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, बौने व्यक्तियों, और जन्म से विकलांग बच्चों को पोषण भत्ते के दायरे में लाए हैं। हमने समाज के प्रत्येक वर्ग, और राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को लाभांवित किया है। किसान, पुरोहित, कलाकार, पत्रकार, शिल्पकार, निर्माणकर्मी आदि के साथ बाजीगरों एवं जगरियों को पेन्शन योजना में समाहित कर, हमने सभी कर्मकारों-सृजनकारों को, सम्मानित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से, प्रति परिवार 1 लाख 75 हजार रूपया का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध है। ‘‘मेरे बुजुर्ग-मेरे तीर्थ’’ योजना, राज्य की ओर से हमारे बुजुर्गों का सम्मान है। चार धामों के अतिरिक्त, श्री नानकमत्ता, श्री रीठासाहिब, कलियर शरीफ व सम्मेदशिखर एवं निजामुद्दीन ओलिया की दरगाह की यात्रा भी, इस योजना में सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक उम्र के हर पड़ाव पर हम अपनी माताओ व बहनों के साथ है। ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’, कन्याधन योजना, गौरा देवी कन्याधन योजना, शादी ब्याह आदि के लिए कई योजनाओं सहित गर्भवती महिलाओं के लिए पोष्टाहार योजना, 60 वर्ष से अधिक की माताओं के लिए टेकहोम राशन तथा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना, बुजुर्ग माताआंे के लिए रोड़वेज में निशुल्क यात्रा, आदि योजनाएं माताओं व बहनों के लिए प्रारम्भ किए गए हैं। प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को, सीड केपिटल के तौर पर पांच हजार रूपये व सामुदायिक निवेश निधि के तहत 20 हजार रूपये की राशि, सहायता स्वरूप उपलब्ध करवाई जा रही है।