हरिद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेमनगर आश्रम, हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय सेवा संगम कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेवा से जुड़ी संस्थायें ज्यादा परिणाम दायक होती है। समाज के प्रति हमारा क्या दायित्व है, इसका बोध भी हमें इससे होता है। उन्होंने कहा कि प्यार और संवेदना हृदय द्रवित होने पर ही सेवा से जुड़ता है। संगठित रूप से किया जाने वाला कार्य भी ज्यादा सफल होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में सेवा के कार्यों को कैसे और बेहतर ढ़ंग से क्रियान्वित किया जा सके, आगे बढ़ाया जा सके। इस पर मनन की भी उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि सेवा के संगठित स्वरूप से हम समाज व व्यक्ति की बेहतर सेवा कर सकते है। समाज की तमाम दुश्वारियों को दूर कर सकते है। सेवा कार्य मानवहित से जुड़ा है। आज जरूरत अच्छे समाज व मुनष्य के निर्माण की भी है। इसमें समाज की दिक्कतों को भी दूर किया जा सकता है। इसके लिये हमें अपनी भूमिका तय करनी होगी। इसके लिये समाज के प्रति संवेदनशीलता का भाव भी हमें पैदा करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से बिना बजट के भी जनजागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जा सकते है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रति हमारी संवेदनशीलता है। इस प्रकार की सोच भी विकसित करने की जरूरत है। सामूहिक प्रयासों से किया गया सेवा का कार्य ज्यादा प्रेरणादायी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज हित में अनेक संस्थायें प्लेटफार्म तैयार कर हम सेवा कार्य से जुड़ने वालों को जोड़ने में मददगार हो सकते है। कई संस्थायें है, जो गांवों से जुड़कर उनके विकास में सहयोगी बनना चाहते है। युवा टेक्नोक्रेट भी समाज सेवा के प्रति रूचि दिखा रहे है। ऐसे लोगों को सहयोग देने के लिये राज्य सरकार भी प्रयासरत है।