देहरादून: महात्मा गांधी रोजगार गारन्टी योजना 2016-17 के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह की अध्यक्षता में नगर निगम पे्रक्षागृह में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम प्रधानों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महात्मा गांधी रोगार गारंटी योजना का सही क्रियान्वयन हेतु अन्तिम छोर में रह रहे व्यक्ति को 100 दिन का रोगार उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह ने कहा कि मनरेगा योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है तथा गांव में निवास कर रहे प्रत्येक कार्डधारक को इस योजना से लाभान्वित करना है। उन्होने जनप्रतिनिधियों को एक ध्वजवाहक के रूप में कार्य करने को कहा है जिनके माध्यम से सरकार द्वारा संचालित हो रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना है तथा पात्रों को उनसे लाभान्वित करना है। उन्होने कहा कि 14वें वित्त आयोग में सभी पंचायतों को अधिकार उपलब्ध कराये गये हैं जिसके माध्यम से ग्राम पंचायतें अपने गांव के विकास के लिए इस योजना के अन्तर्गत कार्य योजनाएं तैयार कर सकते हैं। उन्होने सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की है कि वे गरीब ग्रामीणों की आजीविका के स्त्रोत का सुदृढीकरण तथा सामाजिक ढांचे का विकास एवं पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने हेतु कार्य करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि इन में जनप्र्रतिनिधियों की अहम भूमिका है जिसके लिए ग्रामं पंचायतों में निवास कर रहे व्यक्तियों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है उन्होने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति रोजगार के लिए आवेदन करता है तो उसे 15 दिन के अन्दर रोजगार उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है। तथा 15 दिन के अन्तर्गत रोजगार मुहैया नही कराया जाता है तो उसे बेरोजगारी भत्ता देना अनिवार्य हो जाता है उन्होने कहा कि 14 वें वित्त आयोग में पंचायतों को सुदृढ करने के लिए कई अधिकार दिये गये हैं। महात्मागांधी तहत राष्ट्रीय गारंटी योजना के तहत गांव में विकास के लिए विकास कई महत्वपूर्ण योजनाओं का चयन कर ग्राम पंचायत की बैठक के माध्यम से चयनित कर सकते है। जिसमें ग्रामीण स्वच्छता, सर्वमौसम सड़के, खेल के मैदान, आपदा प्रबन्धन कार्य, बाढ नियंत्रण कार्य, जल निकासी कार्य, नाली निर्माण, बाढ नालियों को गहरा करना, अनुरक्षण आदि कार्य करवा सकते हैं। उन्होने सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की है कि वे अपनी-2 ग्राम पंचायतों में शौचालय बनाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दें जिसके तहत स्वजल द्वारा शौचालय निर्माण हेतु उपलब्ध कराई जाती है यदि किसी कारणवश यह धनराशि उपलब्ध नही होती तो बैंक से लोन लेकर शौचालय बनाने में सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा यह भी तय किया गया है कि जिन घरों में शौचालय नही वह व्यक्ति किसी भी चुनाव में प्रतिभाग नही कर पायेगा इसके लिए अब शौचालय बनाना आवश्यक है इससे अपने तथा अपने आस-पस निवासरत लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत कार्य की मांग के पंजीकरण के अन्दर दिया जाना आवश्यक है अथवा पूर्व में मांग की तिथि के अनुसार कार्य दिया जा सकता है यदि कार्य की मांग पंजीकरण के पश्चात निर्धारित समय सीमा तक कार्य उपलब्ध नही करया जाता है तो बेरोजगारी भत्ता देय होगा तथा यह भत्ता अधिनियम के अन्तर्गत एम.आई.एस के माध्यम से कम्यूटर द्वार आगणित किया जायेगा।
कार्यक्रम में जिला पंचायतराज अधिकारी एम.एम खान ने बताया कि मनरेगा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत मजदूरों द्वार ग्राम पंचायत स्तर पर ही आवेदन किया जा सकता है। उन्होने कहा कि श्रम रोजगार चाहने वाले परिवारो का पंजीकरण तथा इच्छुक ग्रामीण परिवारों को परिचय पत्र/जाब कार्ड की सुविधा दी जा सकती है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।