देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारे परम्परागत हस्तशिल्पों, लोक कलाओं, वाद्य यन्त्र विशेषकर ढोल आदि के संरक्षण व प्रोत्साहन हेतु सभी को आगे आने की जरूरत है। उत्तराखण्ड में परम्परागत रूप से ढोल आदि वाद्य यन्त्र बजाने वाले कलाकारों को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा। यह प्रसन्नता की बात है कि नई पीढ़ी व शिक्षित लोगों द्वारा भी परम्परागत लोक कलाओं में रूचि ली जा रही हैं इससे निश्चित रूप से हम अपनी विरासत व लोक कलाओं को संरक्षित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि नेशनल हैण्डलूम एक्सपों एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के महिला स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियां, शिल्पकार, बुनकर अपने उत्पादों को बड़े मार्केट से जोड़ पाते है।
इस प्रकार के आयोजन से प्रतिभागी बुनकरों व शिल्पियों का आपस में अनुभव बांटने का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड ग्राउण्ड देहरादून में उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद् द्वारा आयोजित नेशनल हैण्डलूम एक्सपो 2019 में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राज्य में हस्तशिल्प, काष्ठ कला व परम्परागत मिस्त्री के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने लिए श्रीमती मधु गुप्ता, श्री दिनेश लाल, श्री मूर्ति मिस्त्री, श्री रघुवीर सिंह खाती को शिल्प रत्न पुरस्कार से पुरस्कृत किया। गौरतलब है कि राज्य में विगत 12 वर्षो से नेशनल हैण्डलूम एक्सपों आयोजित किया जा रहा हैं। इस वर्ष के नेशनल हैण्डलूम एक्सपों में 15 राज्यों के 150 स्टाॅल लगाए गए हैं जिनमें 45 स्टाॅल उत्तराखण्ड के है। राज्य में विशेषकर देहरादून में इस नेशनल हैण्डलूम एक्सपों की प्रतिवर्ष लोगों को प्रतीक्षा रहती है। गत वर्ष इस नेशनल हैण्डलू एक्सपों में लगभग चार करोड़ रूपये का व्यापार हुआ तथा इस वर्ष अभी तक 5 करोड़ का व्यापार हो चुका है।