18.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘‘लोक स्वास्थ्य परम्परा में हिमालयी क्षेत्र की वनौषधियां‘‘ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए: सीएम

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून के एक स्थानीय होटल में आरोग्य भारती, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्विद्यालय एवं राज्य औषधीय पादप बोर्ड, उत्तराखण्ड, देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘‘लोक स्वास्थ्य परम्परा में हिमालयी क्षेत्र की वनौषधियां‘‘ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आयोजकों को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पूरी दुनिया में आयुष के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। साइड इफेक्ट न होने के कारण इस पद्धति को विदेशों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए विदेशों में वैलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते हैं। आयुष के क्षेत्र में अभी भी शोध किए जाने की जरूरत है, तभी वैश्विक स्वास्थ्य की हमारी संकल्पना को पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी आयुष को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में विकास के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी। इससे किसानों को काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत तहसीलों में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लाई जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा और इससे रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इसका सुझाव उन्हें सैनिक सम्मेलन में प्राप्त हुआ था।
कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में वनौषधियों की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि को औषधीय भूमि भी कहा जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ऐरोमेटिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More