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पोषण अभियान राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आई.आर.डी.टी. प्रेक्षागृह, सर्वे चौक देहरादून में आई.सी.डी.एस. विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यशाला व पोषण अभियान का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रकाशित कैलेण्डर व पोषण गीत का विमोचन किया।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन का उद्देश्य ठिगनापन, अल्पपोषण दूर करना व छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में एनीमिया को कम करना है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और तीन साल के कम आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा। योजना में आई.सी.डी.एस. कर्मचारियों तथा सामुदायिक पोषक कार्यकर्ताओं में कौशल व क्षमता में सुधार लाने के लिए निवेश किया जाएगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व राष्ट्रीय पोषण अभियान के द्वारा महिला व बाल कुपोषण को समाप्त करने हेतु प्रभावी प्रयास किए जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के परम्परागत पर्वतीय खानपान पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। हमारा स्थानीय अनाज, सब्जियॉं, वनों से मिलने वाले फल-फूल, वनस्पति, अत्यन्त पौष्टिक है। हमारे बुर्जुगों ने खानपान की स्वास्थ्यवर्द्धक परम्पराओं को अपनाया था। खानपान की दृष्टि से हम परम्परागत रूप से अति सम्पन्न है। आज विश्व में मंडुए को जच्चा-बच्चा के लिए सर्वाधिक पौष्टिक आहार माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए भी हमें अपनी समृद्ध परम्पराओं से जुड़े रहना होगा। नई पीढ़ियों को भी परम्परागत स्थानीय खाद्यान्नों के प्रति जागरूक करना होगा। कुपोषण को समाप्त करने के लिए सभी विभागों को मिलजुल कर कार्य करना होगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल कुपोषण को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। कुपोषण को दूर करने व बिमारियों से बचाव में स्वच्छता का विशेष महत्व है। आमजन को स्वच्छता व टीकाकरण के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पोषण अभियान के प्रति आमजन विशेषकर महिलाओं को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। हमें कुपोषण के प्रति जन अभियान चलाना होगा ताकि हम पूर्णतः स्वस्थ राज्य व देश बन सके।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिलाओं को स्वस्थ्य, शिक्षित व जागरूक बनाकर ही सम्पूर्ण समाज का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। स्वस्थ एवं सशक्त मॉं ही बच्चों का बेहतर पालन-पोषण कर सकती है एवं सशक्त नई पीढ़ी का निर्माण कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से 107 को चयन कर लिया गया है। गांव के आस-पास के स्थानीय उत्पादों का उत्पादन, प्रसंस्करण, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिग, वैल्यू एडिशन आदि स्थानीय लोगों के माध्यम करवाने की मूल परिकल्पना पर आधारित न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप विकसित किया जा रहा है। ग्रोथ सेन्टरों में महिला लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिससे महिला सशक्तिकरण व बाल कुपोषण जैसी समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का 50 प्रतिशत हिस्सा ऑर्गेनिक है। स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण व वैल्यू एडिशन द्वारा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग व आपूर्ति बढ़ाई जा सकेगी। राज्य सरकार द्वारा पिरूल नीति लागू कर दी गई है।

कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिये मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान आरम्भ किया गया है। समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत टेक होम राशन अनुपूरक पोषाहार के रूप में वितरित किया जा रहा है। प्रत्येक माह की 05 तारीख को वजन एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन समस्त लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से पोषाहार वितरित किया जाता है। राज्य में ’’खिलती कलियां’’ कुपोषण से मुक्ति हेतु अभियान के तहत अभिनव प्रयोग के तौर पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिये स्थानीय खाद्यान्नों पर आधारित पूरक पोषाहार की सामग्री तैयार की गई है।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिये स्थानीय खाद्यान्नों पर आधारित पूरक पोषाहार की सामग्री प्रथम चरण में देहरादून जनपद से आरम्भ किया गया, जिसका परिणाम सकारात्मक रहा है। सफल परिणाम के उपरान्त, राज्य के सभी जनपदों में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को इसे उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि बच्चों को अतिरिक्त पोषक तत्व खिलाकर कुपोषण से मुक्त किया जा सकें। श्रीमती रतूड़ी ने प्रदेश में संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

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