रुद्रपुर: आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रसव पूर्व लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम,1994 के तहत जनपद में गठित जिला सलाहकार समिति के तत्वाधान में बालिकाओं के सम्मान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला अपर जिलाधिकारी ईलागिरी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर एडीएम ईलागिरी ने कहा कि ‘मुझे गर्व है कि मैं महिला हूं।’ उन्होंने कहा कि कन्याओं से उनका जन्म का अधिकार न छीना जाय, बेटियां भी समाज के लिए जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या रुक सके इसके लिए समाज की सोच को बदलना जरुरी है। उन्होंने आशा एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों का आह्वान किया कि उन्हें महिलाओं के प्रति समाज की संकीर्ण मानसिकता को बदलने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा और इसकी शुरुआत उन्हें अपने घर से ही करनी होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को समझाया जाय कि यदि लडकियों को भी लडकों के समान आगे बढने का अवसर दिया जाय तो वह भी अपने माता-पिता का सहारा बन सकती है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को समझना होगा कि अच्छा पोषण अच्छी शिक्षा हर कन्या का अधिकार है उसे उसके अधिकारों से वंचित न रखा जाय। आज लडकियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है कामयाबी के हर शिखर को छू रही है लडकियां। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारों की भी जानकारी रखनी चाहिये।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्साधिकारी एचके जोशी द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाये जाने के कारणों सहित प्रसव पूर्व लिंग चयन प्रितिषेध अधिनियम,1994 की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अलावा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं को कानूनी जानकारी दी गई।
कार्यशाला में अपर सीएमओ डाॅ0 बसन्त व एसएस दुग्ताल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक पीसी पंत, सीएमएस अमिता उप्रेती, डाॅ0 शैलेजा भट्ट, डाॅ0 सुनीता चुफाल, डाॅ0 एलएस टोलिया, समाज सेविका हीरा जंगपांगी, सरोज ठाकुर व सीमा सिंह, आशा पफेसीलेटर लक्ष्मी पोखरिया, बीना कौर, कमला सहित जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आशा कार्यकत्री एवं आंगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित थी।