लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डा0 आर के तोमर ने बताया कि विगत वर्षों में आम की फसल में थ्रिप्स नामक कीट से आम उत्पादकों को बहुत नुकसान होता आया है। इस वर्ष भी आम में नयी मंज़र और कली निकल रही है। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से प्राप्त सलाह के अनुसार बहुत से बागों में अभी ये कलियाँ 1 इंच की भी नहीं हुयी है पर इनपर थ्रिप्स का आक्रमण शुरू हो गया है। संस्थान के कीट वैज्ञानिक डा0 एच.एस. सिंह और डा0 गुडप्पा के अनुसार ये कीट कली के छिलकों को अंदर देखे जा सकते हैं, इस तरह के प्रारंम्भिक कीट उपस्थिति की पहचान किसान भाई नहीं कर पा रहें हैं और कीट नियंत्रण का काम फूल निकल आने के बाद शुरू करने की सोच रहे हैं जो कि सामान्यता हॉपर के लिए होता है।
उद्यान निदेशक ने बागान मालिकों को सलाह दी जाती है कि आम में निकलने वाली नई कली को खोलकर तुरन्त निरीक्षण करें। कली को खोलकर मोबाइल स्क्रीन पर रखें और हल्का सा झटका दें, बहुत सारे छोटे-छोटे भागते हुए कीड़े ही थ्रिप्स हैं पर इनकी संख्या अभी कम है, अगर इनको रोका नहीं गया तो ये जैसे तापमान बढे़गा और फूल विकसित होंगे, वैसे ये पूरे बाग में आनेवाले फूल और छोटे फलों को नष्ट कर देंगे। इस कीट द्वारा नष्ट की गयी नई कोपलों और अविकसित फलों को दिये गये फोटों में देखा जा सकता है।
डा0 तोमर ने बताया कि यदि ये कीट कलियों में देखे जा रहें हैं तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल.(0.3 मिली/ली.) या थिएमेथोक्सम 25 प्रतिशत डब्लू.जी. (0.3 ग्राम/ली.) या मोनोक्रोटोफॉस 36 प्रतिशत एस.एल. (1.5 मिली/ली.) का छिड़काव करें। इससे थ्रिप्स कीट की प्रारम्भिक संख्या को रोका जा सकेगा और इस स्प्रे का असर हॉपर पर भी पड़ेगा।