मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को अब और सुधारा व संवारा जाएगा। योजना के तहत आईएएस व पीसीएस की प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा ‘नीट’ और ‘जेई’ की प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी करवाई जाएगी। योजना के तहत आनलाईन पढ़ाई और मार्गदर्शन के लिए हर जिले में सम्पर्क केन्द्र बनाए जा रहे हैं। ऐसे हर सम्पर्क केन्द्र में तीन क्लास रूम होंगे। एक हफ्ते आनलाइन पढ़ाई करने के बाद प्रशिक्षु एक दिन सम्पर्क केन्द्र जाकर शिक्षक से मार्गदर्शन लेगा। इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए तीस करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को अब और सुधारा व संवारा जाएगा। योजना के तहत आईएएस व पीसीएस की प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा ‘नीट’ और ‘जेई’ की प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी करवाई जाएगी। योजना के तहत आनलाईन पढ़ाई और मार्गदर्शन के लिए हर जिले में सम्पर्क केन्द्र बनाए जा रहे हैं। ऐसे हर सम्पर्क केन्द्र में तीन क्लास रूम होंगे। एक हफ्ते आनलाइन पढ़ाई करने के बाद प्रशिक्षु एक दिन सम्पर्क केन्द्र जाकर शिक्षक से मार्गदर्शन लेगा। इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए तीस करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
उन्होंने बताया कि पिछले सौ दिनों में उनका प्रयास रहा है कि समाज कल्याण विभाग के कामकाज को टेक्नालाजी के जरिये और सुगम तथा पारदर्शी बनाया जाए। इसके लिए छात्रवृत्ति योजना में बायोमीट्रिक उपस्थिति, आश्रम पद्धति विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवाना ताकि पता चल सके कि वहां कितने बच्चे पढ़ रहे हैं, कितना स्टाफ है और कितने टीचर हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति योजना में अनुदानित विद्यालयों की भी निगरानी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि निगरानी के लिए उन्होंने पांच विशेष सेल बनाने की शुरूआत की है।
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