लखनऊ: प्रमुख सचिव, उद्यान विभाग श्री सुधीर गर्ग ने वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुये कहा है कि विभिन्न शासकीय योजनाओं/वृक्षारोपण कार्यक्रमों में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की राजकीय उत्पादन इकाईयों पर तैयार किये गये गुणवत्तायुक्त पौधों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि विभाग की पौधशालाओं में पौधों की कमी होने की स्थिति में सम्बन्धित जिला उद्यान अधिकारी से विभाग की पौधशाला पर वांछित पौधों के उपलब्ध न होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरान्त ही अन्य स्रोतों से पौधों की व्यवस्था की जाय।
प्रमुख सचिव ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत ‘‘मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना’’, ‘‘मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना’’ तथा ‘‘मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना’’ के सफल क्रियान्वयन हेतु कृषक की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत वृक्षारोपण कार्य हेतु जनपद स्तर पर पौध रोपण हेतु गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री के साथ-साथ विभिन्न फलदार एवं कलमी पौधों की आवश्यकता होगी, जिसकी आपूर्ति विभागीय पौधशालाओं में उपलब्ध पौधों से निर्धारित समय के अन्दर ही कर ली जाय, ताकि पौधों के उठान को गति प्रदान की जा सके।
श्री गर्ग ने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की राजकीय उत्पादन इकाईयों पर गुणवत्तायुक्त फलदार कलमी पौधों के साथ-साथ फलदार बीजू एवं शोभाकार लगभग 31.29 लाख पौधे विक्रय हेतु उपलब्ध हैं, जिन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत वृक्षारोपण हेतु विभाग द्वारा निर्धारित राजकीय दर पर उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आवश्यक आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराकर हरियाली क्षेत्र में वृद्धि कराने के लिये कटिबद्ध है।