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आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अमृत काल में भारत नई उपलब्धियों के साथ दुनिया में पहचान बना रहा: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना के लिए था। 05 हजार वर्षों से भगवान श्रीकृष्ण की वह आदर्श प्रेरणा देश व दुनिया में सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हम सभी भगवान श्रीकृष्ण के भावों को अंगीकार करते हुए सकारात्मक रूप से आगे बढ़ें। मानवता के कल्याण के मार्ग में किसी भी बाधा को हटाने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग करें।
मुख्यमंत्री जी आज यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से 5,250 वर्ष पूर्व भगवान विष्णु के एक विशिष्ट तथा पूर्ण अवतार के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने वर्तमान उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्म लिया था। भारत में जब भी कहीं अत्याचार व अन्याय हुआ या कोई अराजकता फैली, हमारे ईश्वरीय अवतारों ने एक विशिष्ट प्रकाश पुंज के रूप में समाज का मार्गदर्शन किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समाज को ऊर्जावान बनाने के लिए शान्तिकाल में ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि’ का भाव सदैव प्रेरित करता रहा है। वहीं जब समाज संकट में हो, दुष्ट प्रवृत्ति के तत्व शान्ति व्यवस्था, विधि व्यवस्था में खलल डालने का कार्य कर रहे हों तो ’परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्, धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे’ के भाव को व्यावहारिक धरातल पर उतारने में ईश्वरीय अवतारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। शान्ति अथवा संकट, किसी भी समय भारतीय समाज के समक्ष भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र सदैव नई प्रेरणा व ऊर्जा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में पूरा देश अपनी विरासत का सम्मान करते हुए एक नई ऊर्जा के साथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए कार्य कर रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अमृत काल में भारत नई उपलब्धियों के साथ दुनिया में पहचान बना रहा है। ऐसे में अनेक लोगों को भारत की समृद्धि, प्रगति तथा वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता सम्मान अच्छा नहीं लग रहा है। भारत की उपलब्धियों को कमजोर करने के लिए ऐसे लोगों द्वारा भारत, भारतीयता तथा देश की सनातन परम्परा पर उंगली उठाने तथा अपनी विरासत को अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सनातन धर्म मानवता का धर्म है। दुनिया के सभी मत, मजहब तथा सम्प्रदायों को सनातन धर्मावलम्बियों ने सुरक्षा व संरक्षण देने का कार्य किया है। सनातन धर्मावलम्बियों ने कभी भी स्वयं को विशिष्ट नहीं माना, बल्कि सदैव कहा कि ‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ अर्थात सत्य एक है, विद्वान व महापुरुष उन्हें अलग-अलग भाव से देखते हैं। अलग-अलग रास्तों से इनका अनुसरण करते हैं। जो सनातन रावण के अहंकार से नहीं मिटा, कंस के हुंकार से नहीं डिगा तथा बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह ऐसे सत्ता के लोभी लोगों से क्या मिटेगा। इन्हें अपने कृत्यों पर लज्जित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें दुनिया को मानवता के कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाली भारत की सनातन परम्परा पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। यह भारत की राष्ट्रीयता का प्रतीक है तथा देश को नई प्रेरणा देने का माध्यम है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपरान्त अमृत काल के प्रथम वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत जी-20 समूह के देशों का नेतृत्व कर रहा है। भारत ने जी-20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ रखी है। भारत ने हजारों वर्षों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव को माना है। हमें अपनी इन उपलब्धियों पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब भारत की 140 करोड़ की आबादी देश के यशस्वी नेतृत्व में एक साथ कार्य करेगी तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरने से कोई नहीं रोक सकता। हमें भारत की प्रगति व समृद्धि में व्यावधान डालने वाले लोगों की परवाह किए बगैर अपने पथ पर अग्रसर होना होगा। हर काल में सत्य को झुठलाने का प्रयास हुआ है। रावण तथा हिरण्यकश्यप ने ईश्वर और सनातन धर्म की अवमानना करने का प्रयास किया था। कंस ने ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दी थी, लेकिन वे सभी मिट गए। ईश्वर सत्य तथा शाश्वत है। इसी प्रकार सनातन धर्म भी सत्य और शाश्वत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस बल के लिए भगवान श्रीकृष्ण की दोनों प्रेरणाएं आवश्यक हैं। श्रीकृष्ण ने निष्काम कर्म की प्रेरणा दी। ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ अर्थात बिना फल की चिन्ता किए अपना कर्म करते रहो। साथ ही, ’परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्’ के भाव के साथ सज्जनों की रक्षा एवं संरक्षण के लिए कार्य करें, वहीं दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ कठोरता से कार्य करें। उत्तर प्रदेश पुलिस बल ने भगवान श्रीकृष्ण के इन सभी उपदेशों को अंगीकार करके प्रदेश के परसेप्शन को बदलने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।
इसी का परिणाम है कि विगत एक वर्ष में उत्तर प्रदेश में 31 करोड़ पर्यटक आए हैं। उत्तर प्रदेश देश में निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा है। प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदल चुकी हैं। आज लोग यह मानते हैं कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक प्रगति करने वाले राज्यों में है। अग्रणी राज्यों में उत्तर प्रदेश की गिनती हो रही है। यह ईश्वरीय अवतारों की ही कृपा है। 500 वर्षों पूर्व अयोध्या में सनातन धर्म को अपमानित करने का प्रयास किया गया था। आज ईश्वरीय अवतारों की कृपा से सनातन धर्म फिर से खड़ा हुआ है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, परिवहन मंत्री श्री दयाशंकर सिंह, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार, स्पेशल डी0जी0 कानून व्यवस्था श्री प्रशान्त कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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