लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर ‘सड़क सुरक्षा माह’ का शुभारम्भ एवं परिवहन विभाग की 55.70 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री जी ने रोड सेफ्टी डैशबोर्ड का बटन दबाकर उद्घाटन किया। उन्होंने परिवहन विभाग की ओर से सशस्त्र सेना झण्डा दिवस निधि की 52.98 लाख रुपये का ड्राफ्ट प्रदान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलायी तथा उन्होंने सड़क सुरक्षा रैली का फ्लैग आॅफ भी किया। ज्ञातव्य है कि ‘सड़क सुरक्षा माह’ 21 जनवरी से 20 फरवरी, 2021 तक प्रदेश में संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वर्तमान सरकार पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में जागरूकता का विशेष महत्व है। प्रदेश सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की प्रभावी कार्ययोजना बनायी है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण असावधानी अथवा मानवीय भूल होती है। सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक है। इस कार्य में सामूहिक प्रयास अधिक कारगर साबित हो सकते हैं। परिवहन, गृह, पी0डब्ल्यू0डी0, शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को मिलकर सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरूकता का यह कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत काफी कार्य किये गये हैं, जिसका परिणाम है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। जहां भी सड़क इंजीनियरिंग में कोई कमी दिखी है उसे दुरुस्त कराने का कार्य किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा ब्लैक स्पाॅट को चिन्हित करके उसे ठीक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक राष्ट्रव्यापी समस्या है। इसके दृष्टिगत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में सड़क पर सुरक्षित यातायात के निमित्त ‘सड़क सुरक्षा माह’ मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण और आवश्यक विषय है। यह हमारे सभी नागरिकों से भी जुड़ा हुआ विषय है। किसी भी प्रदेश या राष्ट्र के लिए उसके नागरिक अमूल्य धरोहर होते हैं। सड़क दुर्घटना में असमय नागरिकों की हानि प्रदेश व समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘सड़क सुरक्षा माह’ कार्यक्रम पूरे प्रदेश में संचालित किया जा रहा है। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी को सड़क सुरक्षा माह का नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘सड़क सुरक्षा माह’ के प्रथम सप्ताह में व्यापक जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। द्वितीय सप्ताह में प्रवर्तन, तृतीय सप्ताह में कार्रवाई तथा चतुर्थ सप्ताह में एम0वी0 एक्ट तथा अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य परिवहन निगम ने लाॅकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सराहनीय कार्य किया। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को भी गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया। निश्चित ही इन कार्याें से जनता का विश्वास परिवहन निगम पर बढ़ा है।
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अशोक कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी सड़क सुरक्षा को लेकर पूरी गम्भीरता से कार्य कर रहे हैं। सभी स्कूल तथा काॅलेजों में विद्यार्थियों को यातायात से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है। वाहनों की समुचित जांच हेतु जनपद लखनऊ में इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेण्टर की भी स्थापना की गई है। जनपद आगरा एवं कानपुर नगर में इस प्रकार के सेण्टर की स्थापना करायी जा रही है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव परिवहन श्री आर0के0 सिंह, परिवहन आयुक्त श्री धीरज साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने, गलत दिशा में वाहन को चलाने एवं नशे की हालत में वाहन को चलाने के कारण होती है। परिवहन विभाग द्वारा इन कारणों की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे प्रत्येक सप्ताह आकस्मिक रूप से चिन्हित कर दो दिवसों को ‘हेल्मेट एवं सीट बेल्ट दिवस’ के रूप में मनाते हुए हेल्मेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग न करने वाले चालकों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अतिरिक्त ओवर स्पीडिंग एवं नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के विरुद्ध इण्टरसेप्टर एवं आधुनिक तकनीकी के माध्यम से रोकथाम के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान-त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह, भाषण प्रतियोगिता, रोड सेफ्टी क्लब, जागरूकता रैली आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।