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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के पूरी तरह से लागू होने के बाद ‘ड्रॉपआउट’ शब्द अब बीते वर्षों का कलंक साबित होने जा रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ उन आधारशिलाओं में से एक है, जो ‘परीक्षा योद्धाओं’ के लिए अत्यधिक आवश्यक है और जिसकी कल्पना पिछले 70 सालों से किसी ने नहीं की थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में शिक्षा विभाग, कठुआ द्वारा ‘परीक्षा पे चर्चा 2023’ के तहत आयोजित जिला स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान यह बात कही।

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डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘परीक्षा पर चर्चा’ छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को एक मंच पर लाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित एक आंदोलन है।

27 जनवरी को होने वाली ‘परीक्षा पे चर्चा 2023’ से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मोदी मास्टरक्लास’ कार्यक्रम लॉन्च किया है। परीक्षा पर चर्चा युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाने के लिए बड़े आंदोलन – ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का हिस्सा है। श्री मोदी ने हाल ही में ट्वीट किया था जिसमें लिखा था, “यह परीक्षा का मौसम है और हमारे परीक्षा योद्धा परीक्षा की तैयारी में डूबे हुए  हैं,  टिप्स और गतिविधियों का एक दिलचस्प भंडार साझा कर रहे हैं जो परीक्षा के तनाव को कम करने में मदद करेंगे और परीक्षा का जश्न मनाने में भी मदद करेंगे”।

जीडीसी कठुआ में छात्रों को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘परीक्षा पर चर्चा’ ने एक ऐसे माहौल को बढ़ावा दिया है, जहां प्रत्येक बच्चे के अनूठी व्यक्तित्व का जश्न मनाया जाता है, प्रोत्साहित किया जाता है और खुद को पूरी तरह से अभिव्यक्त करने की अनुमति दी जाती है। डॉ. सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है, जो छात्रों के लिए एक तनाव मुक्त वातावरण बनाने के लिए उनकी पथप्रदर्शक और सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब ‘एग्जाम वॉरियर्स’ में वर्णित है।

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डॉ. सिंह ने कहा, चूंकि यह युग प्रौद्योगिकी संचालित है और छात्रों के पास अपने मोबाइल हैंडसेट पर सब कुछ है, जो आवश्यक है वह प्रतिभा की पहचान और उचित मार्गदर्शन है जो केवल इस देश के शिक्षकों द्वारा ही किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने कहा कि छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए शिक्षकों की अब एक बड़ी भूमिका है, ताकि उन्हें सही दिशा में निर्देशित किया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पीछे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मौलिक विचार की प्रशंसा करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, एनईपी-2020 का आदर्श वाक्य कई एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स के साथ समान और समावेशी शिक्षा है और यह सुनिश्चित करना इसका मकसद है कि छात्र चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से हो, उसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच से वंचित नहीं किया जाए। डॉ. सिंह ने कहा कि एनईपी-2020 की सबसे अच्छी बात यह है कि ‘ड्रॉपआउट’ शब्द, बीते दिनों का कलंक’  साबित होने जा रहा है।

डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि देश भर में पहले से शुरू किया गया मेंटरशिप प्रोग्राम एक गेम चेंजर साबित होगा क्योंकि इससे न केवल छात्रों की क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी बल्कि भविष्य के उद्यमी तैयार होंगे जो देश में सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप का नेतृत्व करने वाले नौकरी प्रदाता होंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ‘स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया’ पर जोर दिया था।

डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि आज यहां उपस्थित छात्र 2047 में भारत के शिल्पकार होंगे, जो दुनिया के हर विकसित राष्ट्र को पीछे छोड़कर भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने की ओर ले जाने के लिए पर्याप्त ऊर्जावान होंगे।

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