लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव, श्रीमती रेणुका कुमार ने समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा है कि अस्थायी आश्रय स्थल में क्वारंटीन में रह रहे जिन व्यक्तियों की लगातार 14 दिन की क्वारंेटाइन अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनको इन अस्थायी आश्रय स्थल से बाहर भेजने के निर्देश दे दिये जायें। उन्होंने कहा है कि 14 दिन की क्वारंेटाइन अवधि पूर्ण कर चुके अस्थायी आश्रय स्थल में रह रहे व्यक्तियों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराकर आश्वस्त कर लिया जाये कि क्वारंेटाइन किये गये व्यक्ति में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नही है तथा वह पूर्णतया एसिम्टोमेटिक (।ेलउचजवउंजपब) है। ऐसे व्यक्ति जिनका मेडिकल क्वारंटीन चिकित्सा विभाग द्वारा निर्धारित मानको के अनुसार पृथक से किया गया है, उन्हें चिकित्सा विभाग के स्पष्ट परामर्श तथा संस्तुति के पश्चात ही छोड़ा जाये।
श्रीमती कुमार ने जारी किये गये निर्देशों मंे यह भी कहा गया है कि यदि क्वारंेटाइन किया गया व्यक्ति उसी जनपद का निवासी है, जहां पर वह क्वारंेटाइन किया गया है, तो जिलाधिकारी उनको परिवहन की उचित व्यवस्था कराकर उनके निवास स्थान तक पहुँचाना सुनिश्चित करेगें। क्वारंेटाइन किया गया व्यक्ति यदि दूसरे जनपद का निवासी है तो जिलाधिकारी द्वारा संबंधित जनपद के जिलाधिकारी से सम्पर्क स्थापित कर ऐसे व्यक्तियों का पूरा विवरण उपलब्ध कराते हुए उनकी सुरक्षित रवानगी सुनिश्चित करायी जाये। क्वारंेटाइन किया गया व्यक्ति दूसरे देश अथवा अन्य प्रदेश का निवासी है, तो उसके लिए पृथक से निर्देश जारी किये जायेगें।
अपर मुख्य सचिव, राजस्व ने कहा है कि क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण होने के पश्चात उन्हें मुक्त करते समय अस्थायी आश्रय स्थल के इंचार्ज द्वारा क्वारंटाइन किये गये व्यक्ति का नाम, पता तथा मोबाइल नम्बर आदि जैसा कि संलग्न प्रारूप में स्पष्ट किया गया है, के अनुसार दर्ज किया जायेगा तथा उसकी सूची सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सर्विलांस टीम को दे दी जाये ताकि वह उन व्यक्तियों के अपने निवास स्थान व घर पहुंचने के बाद भी होम क्वारंटाइन में 14 दिन तक उनकी कड़ी निगरानी की जा सके। क्वारंेटाइन अवधि पूर्ण होने के पश्चात उन्हें मुक्त करते समय प्रत्येक व्यक्ति को उनके साथ में 15 दिन का राशन वितरित कराया जाये।