नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा हाल के भारी बाढ़ के बाद केरल में सहायता करने के लिए राहत के कई उपाय आरंभ किए गए हैं-
- सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने केरल में राहत कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये का सीएसआर योगदान दिया है।
- ओएमसी को वैसे एलपीजी ग्राहकों के लिए प्राथमिकता के आधार पर दस्तावेजों की आपूर्ति के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है जो विनाशकारी बाढ़ के दौरान अपने दस्तावेज खो चुके हैं। इसके अतिरिक्त ओएमसी बाढ़ के दौरान खो गए सिलिंडरों की जगह दूसरे सिलिंडर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगी। (1) गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए ओएमसी 200 रुपये प्रति सिलिंडर का मामूली शुल्क लेंगी जबकि एपीएल परिवारों के लिए ओएमसी 1200 रुपये प्रति सिलिंडर की विनिर्माण कीमत लेंगी।
- मंत्रालय ने 20.8.2018 को केरल राज्य को 12000 किलो लीटर गैर सब्सिडी प्राप्त किरोसीन (बाजार दर से कम) आवंटित किया है।
- मंत्रालय ने राज्य को वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2018) के लिए अग्रिम रुप से पीडीएस किरोसीन के एक महीने का कोटा आवंटित किया है।
- ओनजीसी ने केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्रियों (दवाओं, खाद्य सामग्रियों, बिस्तरों एवं अन्य राहत सामग्रियों) को एयर लिफ्ट करने के लिए तीन हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। ओएनजीसी के चार चिकित्सकों को भी केरल में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेजा गया है। हेलिकॉप्टरों का उपयोग बचाव कार्यों के लिए अन्य आपदा समूहों के साथ भी तालमेल बनाने के लिए किया गया था।
- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), कोच्चि रिफाइनरी ने जिला मजिस्ट्रेटों के जरिए केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच वितरण के लिए 30 हजार निःशुल्क एलपीजी हॉट प्लेट का वितरण किया है।
- एलपीजी सिलिंडरों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए अस्थायी रूप से गैर-प्रमाणीकृत वाहनों को मंजूरी दी गई है और एलपीजी सिलिंडरों के संग्रहण के लिए अतिरिक्त बिंदुएं उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
- ओएमसी ने अपने पास उपलब्ध सभी संसाधनों को वहां तैनात कर दिया है और बाढ़ द्वारा प्रभावित विक्रय केंद्रों, उड्डयन सुविधाओं, एलपीजी एवं किरोसीन वितरण नेटवर्क को बहाल करने तथा पेट्रोलियम उत्पादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वे दिन रात कार्य कर रही हैं।