नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने महिलाओं की आजीविका में सुधार लाने और कौशल विकास के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक करार किया है। इस समझौता ज्ञापन पर आज महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए।
इस करार का क्रियान्वयन महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) और राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) के माध्यम से किया जाएगा।
इस अवसर श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि यह पहल महिलाओं में ऐसे कौशल विकास में मदद करेगी, जो उन्हें तुरंत रोजगार पाने/पैसा कमाने में मदद करेगा, जिससे आगे चलकर उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने महिला सशक्तीकरण में योगदान के लिए उनके मंत्रालय के साथ हाथ मिलाने के लिए कौशल विकास मंत्रालय को धन्यवाद दिया। श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे एक अनूठी पहल बताते हुए कहा कि कौशल विकास मंत्रालय महिलाओं को कौशल प्रदान करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह समर्पित है इससे महिलाओं के जीवन में बड़े बदलाव के साथ ही देश के विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रालय महिलाओं को तत्काल लाभ पहुंचाने के लिए उपयुक्त मॉड्यूल तैयार करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
राष्ट्रीय महिला कोष के माध्यम से महिला और बाल विकास मंत्रालय कौशल प्रशिक्षण वाले उन क्षेत्रों और उनकी भौगोलिक प्रासंगिकता की पहचान करेगा, जो स्व-रोजगार या नौकरियों के माध्यम से महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए उपयुक्त होंगे। राष्ट्रीय महिला कोष महिलाओं के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के साथ गठबंधन करके आवश्यक मॉड्यूल भी विकसित करेगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के दायरे में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा चिह्नित कौशल विकास कार्यक्रमों को मदद देगा। मंत्रालय महिला और बाल विकास मंत्रालय को उन महिलाओं का ब्यौरा भी देगा, जिन्होंने कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अपने प्रशिक्षण के बाद वस्तुओं का उत्पादन कर रही हैं या अन्य प्रकार की सेवाएं दे रही हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय,आरएमके के माध्यम से, ऐसी महिलाओं को महिला ई-हाट से जुड़ने में मदद करेगा। महिला ई-हाट और एनएसडीसी संयुक्त रूप से स्व-रोजगार/उद्यमियों आदि में रुचि रखने वाली एनएसक्यूएफ प्रमाणित महिलाओं के लिए क्षमता विकास कार्यशालाओं का आयोजन भी करेंगे।
इस कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण भागीदार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अनुमोदित भागीदारों में से ही होंगे। इसके लिए उनकी स्थानीय उपस्थिति और अनुभवों को ध्यान में रखा जाएगा। महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन तीन साल की अवधि के लिए किया गया है।