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‘कृषि उन्नति मेला : दूसरे दिन अनेक संगोष्ठियों का आयोजन किया गया’

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्तर के कृषि मेले एवं प्रदर्शनी ‘कृषि उन्नति मेला’ का आयोजन भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के

कृषि विभाग और नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा संयुक्त रूप से 19 मार्च से लेकर 21 मार्च, 2016  तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में किया गया। ‘कृषि उन्नति मेला’ के पहले दिन ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ पर तकनीकी संगोष्ठी के आयोजन के बाद दूसरे दिन अनेक संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। इस दौरान विचार मंथन सत्रों के आयोजन के साथ-साथ इसमें भाग लेने वाले किसानों के बीच सूचनाओं के प्रसार पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन संगोष्ठियों में वैज्ञानिकों एवं किसानों के बीच संवाद सुनिश्चित करने के साथ-साथ इन्हें वेबकास्ट किया गया, ताकि बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो सकें। इन संगोष्ठियों में संबंधित विषयों के विशेषज्ञों के पैनल ने शिरकत की। इन संगोष्ठियों की प्रमुख थीम एवं विषय-वस्तु निम्नलिखित हैं :

आईसीएआर के डीडीजी (बागवानी) डॉ. एन. के. कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में तकनीकी सत्र II ‘एकीकृत कृषि प्रणाली (बागवानी एवं मत्स्य पालन) और सरकारी योजनाओं’ पर आयोजित किया गया था। इस संगोष्ठी में सब्जी आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली, फल एवं कृषि-वानिकी आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली, एकीकृत कृषि एवं ताजा जल, खारी, समुद्री मत्स्य पालन संबंधित योजनाओं, किसानों की अगुवाई में मत्स्य पालन के व्यावसायिक मॉडल जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चाएं की गईं।

भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चन्द की अध्यक्षता में तकनीकी सत्र III ‘कृषि विपणन एवं सरकारी योजनाओं’ पर आयोजित किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय कृषि विपणन योजना, बाजार की अगुवाई में बागवानी फसलों का उत्पादन एवं प्रसंस्करण, बाजार की अगुवाई में डेयरी, मछली एवं मांस का उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रणाली और किसानों की अगुवाई में व्यावसायिक मॉडल जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद प्रश्न-उत्तर सत्र का आयोजन किया गया।

नई दिल्ली स्थित आईसीएआर के डीडीजी (विस्तारीकरण) डॉ. ए. के. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित तकनीकी सत्र IV के दौरान किसानों एवं वैज्ञानिकों के बीच संवाद पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके बाद कृषि क्षेत्र की चुनौतियों एवं सहभागितापूर्ण मार्गों, कृषि विस्तारीकरण एवं प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय मिशन, कृषि में आईसीटी से जुड़ी पहलों पर सत्र आयोजित किए गए। इसके बाद आधुनिक कृषि-प्रौद्योगिकियों एवं सेवा मुहैया कराने संबंधी दृष्टिकोण पर पैनल परिचर्चा आयोजित की गई।

श्री ए. वी. जे. प्रसाद, जेएस (एलएच), डीएएचडी एंड एफ की अध्‍यक्षता में तकनीकी सत्र 5 ‘एकीकृत कृषि प्रणाली (फसल-मवेशी) और सरकारी योजनाएं’ विषय पर आयोजित किया गया। इसमें एकीकृत कृषि प्रणाली- दृष्टिकोण एवं प्रौद्योगिकियां, डेयरी आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली, पशु पालन, जुगाली करने वाले छोटे पशु और सुअर पर आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली, पोल्‍ट्री आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली, डेयरी आधारित उद्यमों/हस्‍तक्षेपों के लिए सरकारी योजनाएं शामिल की गयीं।

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय में अपर सचिव की अध्‍यक्षता में तकनीकी सत्र 6 ‘प्रसंस्‍करण एवं मूल्‍यवर्धन और सरकारी योजनाएं’ विषय पर आयोजित किया गया। विचार गोष्‍ठी के दौरान फार्म गेट प्राइमरी प्रॉसैसिंग, प्रसंस्‍कृत उत्‍पादों पर आधारित उद्यम, कुटीर स्‍तर पर प्रसंस्‍कृत उत्‍पाद विकास (एमएसएमई) एवं संबंधित योजनाएं, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्यमों में अवसर  और उद्यमों के संवर्धन के लिए सरकारी योजनाएं और प्रसंस्‍कृत उत्‍पादों का निर्यात जैसे विषयों पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर सातवें तकनीकी सत्र का आयोजन राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) के पूर्व उप महानिदेशक डॉ जेएस सामरा की अध्यक्षता में हुआ। सत्र में परिशुद्ध सिंचाई के माध्यम से जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने के विषय पर जोर दिया गया। इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ जिसमें किसानों, हितधारकों और पैनल में शामिल लोगों ने भाग लिया।

आठवें तकनीकी सत्र का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (सीएस) डॉ. जे. एस. संधू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें फसल उत्पादकता बढ़ाने, मृदा स्वास्थ्य बढ़ाना और सरकारी योजनाएं, मृदा स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए दालें, खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए तिलहनों की उत्पादकता को बढ़ाना, संतुलित पादप पोषण के लिए मृदा परीक्षण और एसएचसी का वितरण, मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को सुधारने के लिए एकीकृत पोषण प्रबंधन, ऑर्गेनिक खेती, मृदा स्वास्थ्य और सततता बढ़ाने के लिए सरकारी पहल जैसे प्रमुख विषयों पर विचार किया गया।

नौवें तकनीकी सत्र का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (एनआरएम) डॉ. ए. के. सिक्का की अध्यक्षता में हुआ जिसमें फसल अवशेषों के प्रबंधन और सरकारी योजनाएं, कृषि संरक्षण के माध्यम से फसल अवशेषों का प्रबंधन संरक्षण  कृषि के लिए प्रौद्योगिकियां कृषि अपशिष्ट प्रबंधन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सौर विद्युत आधारित कृषि मशीनीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा सौर विद्युत से संबंधित सरकारी योजनाओं जैसे विषयों पर इस सेमिनार में विचार-विमर्श किया गया।

दसवें तकनीकी सत्र का आयोजन पीपीवीएफआरए के पूर्व अध्यक्ष श्री पी. एल. गौतम की अध्यक्षता में हुआ जिसमें नवोन्मेशी किसानों के साथ बातचीत किसानों के नवाचारों के उपयोग और प्रसार के लिए संस्थागत सहायता प्रणाली, किसानों के नवाचारों के अनुभवों को साझा करना जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद सेमिनार में प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया।

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