नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में 500 और 1000 के पुराने नोट पर रोक लगाने का फैसला आतंकवाद, भ्रष्टाचार और काला धन के ताबूत में अंतिम कील ठोकने के लिए लिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि इसका सीधा लाभ देश के किसानों और गरीबों को मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का यह कहकर विरोध हो रहे हैं कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है और इसका असर रबी की बुआई पर पड़ेगा, लेकिन सचाई यह है कि देश हित में किये गये इस निर्णय का विऱोध वे अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि देश के अंदर 1.25 लाख बैंक, 2 लाख एटीम और लाखों डाकघर हैं और इन तक नोट पहुंचाना निश्चित रुप से एक कठिन काम था जिसके कारण देश के नागरिकों को परेशानी जरूर हुई या हो रही है, किन्तु ध्यान रहे कि देश के गांव, गरीब और किसान की खुशहाली के लिए प्रधानमंत्री जी का आजादी के बाद का सबसे बड़़ा साहसी और लोकप्रिय निर्णय है। देशवासी थोड़ा कष्ट उठाकर भी इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में 24.46 करोड़ जन धन खाते हैं, 7 करोड़ से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड हैं, मंडियों में किसान के लिए खाता खोलने की भी नियमित प्रक्रिया जारी है। 25हजार रुपया तक निकालने तक की छूट का प्रावधान है। शादी ब्याह के लिए 2.5 लाख रुपया निकालने का फैसला भी देश में लागू हो गया है। बीज खरीदने के लिए भारतीय बीज निगम,भा.कृ.अ.प. (ICAR) के संस्थानों, विश्वविद्यालयों, राज्य बीज निगम एवं उससे संबंधित बीज बिक्री केन्द्रों पर 500 के पुराने नोट की भी अनुमति दे दी गयी है। कृषि की आमदनी से जमा500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने पर किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं है।
कुछ लोग रबी की बुआई पर असर पड़ने की बात कर किसानों को ढाल बनाकर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि विमु्द्रीकरण के बाद भी रबी की मुख्य फसलों की बुआई जैसे गेंहू की बुआई 18 नबंवर 2016तक 79.40 लाख हैक्टेयर में किया गया है जो कि पिछले साल2015 में इसी समय तक 78.83 लाख हैक्टेयर से अधिक है। इसी प्रकार दलहन की बुआई में 18 नबंबर 2016 तक 74.55लाख हैक्टेयर, जो कि साल 2015 में इसी समय तक 69.98लाख हैक्टेयर से अधिक है और तिलहन में भी 56.16 लाख हैक्टर बुआई 18 नबंबर 2016 तक की गयी है, जो कि साल2015 में इसी समय तक 48.74 लाख हैक्टेयर से अधिक है। गेंहू, दलहन और तिलहन रबी की मुख्य फसले हैं।
कृषि मंत्री ने इस संबंध में कुछ उदाहरण भी दिए।
बंगाल में कुल रबी बुआई की रकबा 18 नबंबर 2016 तक 2.39लाख हैक्टेयर है जो कि साल 2015 में इसी समय तक मात्र2.25 लाख हैक्टेयर से अधिक है।
बंगाल में 18 नवंबर 2015 एवं 18 नवंबर 2016 तक मुख्यरबी फसलवार ब्यौरा इस प्रकार है-
बुआई की रकबालाख हैक्टेयर में
फसलें | सामान्य रबी क्षेत्र
(डी.ई.एस.) |
2016-17 | 2015-16 | 2016-17और 2015-16 काअंतर |
गेंहू | 3.29 | 0.12 | 0.11 | 0.01 |
दलहन | 1.63 | 0.32 | 0.23 | 0.09 |
तिलहन | 7.16 | 1.81 | 1.80 | 0.01 |
उत्तर प्रदेश राज्य में कुल रबी बुआई की रकबा 18 नबंबर 2016तक 33.79 लाख हैक्टेयर है जो कि साल 2015 में इसी समय तक मात्र 25.91 लाख हैक्टेयर था।
उत्तर प्रदेश में 18 नवंबर 2015 एवं 18 नवंबर 2016 तकमुख्य रबी फसलवार ब्यौरा इस प्रकार है-
बुआई कीरकबा लाख हैक्टेयर में
फसलें | सामान्य रबी क्षेत्र
(डी.ई.एस.) |
2016-17 | 2015-16 | 2016-17और 2015-16 काअंतर |
गेंहू | 97.59 | 14.82 | 14.38 | 0.44 |
दलहन | 15.14 | 8.52 | 2.68 | 5.84 |
तिलहन | 6.77 | 10.08 | 8.63 | 1.45 |