लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के व्यापक हितों की सुरक्षा उनके चहुंमुखी विकास एवं उनकी उपज की बिक्री हेतु राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद उ0प्र0 के माध्यम से सुदृढ़ व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है। उ0प्र0 शासन ने एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब के निर्माण हेतु 516.86 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस धनराशि से 1839 मण्डी एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब का निर्माण कार्य किया जाएगा।
यह जानकारी प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री श्री राजीव कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उक्त धनराशि में से 1214 एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। 528 एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब संचालित किए जा रहे हैं।
कृषि राज्य मंत्री श्री सिंह ने बताया कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत विशिष्ट मंडियों के निर्माण कराये जाने की श्रंृखला में 07 विशिष्ट मंडियों हेतु कुल 433.94 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है। जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। 133 ग्रामीण अवस्थापना केन्द्रों (रिनों) के लिए 254.45 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है, जिसमें से 82 केन्द्रों (रिनों) का निर्माण कराया जा चुका है।
श्री सिंह ने बताया कि अब तक प्रदेश में 217 मुख्य मंडी स्थलों, 91 उपमंडी स्थलों, 71 फल@सब्जीमंडी, 05 दुग्ध मंडी, 05 मत्स्य बाजारों, 225 हाट पैठों, 238 ग्रामीण गोदाम, 82 किसान सेवा केन्द्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 20,057 किमी0 लम्बे सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित 3908 ग्रामों को मंडी परिषद द्वारा विकास तथा निर्माण कार्यों हेतु चयन किया गया है, जिसमें से 2379 ग्रामों को संतृप्त किया जा चुका है। मंडी परिषद द्वारा उक्त योजना के अंतर्गत सी0सी0 रोड का निर्माण तथा विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कृषकों को उनके उत्पादों का सीधे उपभोक्ताओं को विक्रय की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 04 जिलों लखनऊ, सैफई (इटावा), मैनपुरी तथा झांसी में किसान बाजार बनाए जाने की योजना के अंतर्गत झांसी में किसान बाजार का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। लखनऊ तथा सैफई (इटावा) में कार्य प्रगति पर है। मंडी परिषद द्वारा 527 किमी0 नवीन सम्पर्क मार्गों एवं 166 किमी0 मरम्मत के सम्पर्क मार्गों पर लेपन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।