नई दिल्ली: कृषि मंत्रालय ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की सहमति से सिंचाई में सौर पम्पिग प्रणाली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किए जाने वाले कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन के अंतर्गत सौर ऊर्जा पंपिंग प्रणाली लागू की है।
कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2014 में लागू किया गया। इसके अंतर्गत मंत्रालय राज्य सरकारों के माध्यम से विभिन्न किस्म की कृषि मशीनों तथा व्यक्तिगत स्वामित्व के लिए खरीद पर कृषि मशीनरी बैंक स्थापित कर किसानों को सेवाएं देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वित्तीय सहायता और कार्यान्वयन के बारे में विस्तृत सूचना कृषि मशीनरी पर उप-मिशन के संचालन दिशा निर्देशों में उपलब्ध है। इसे वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
एसएमएएम के दिशा निर्देश के घटक तीन के अंतर्गत कृषि मशीनरी की वर्तमान सूची में सिंचाई उद्देश्य के लिए सौर फोटोवोल्टिक जल पंपिंग प्रणाली को शामिल किया गया है। ऐसी पंपिंग प्रणाली के लिए एमएमएएम के अंतर्गत वित्तीय सहायता का स्वरूप भारत सरकार की एमएनआरई वित्तीय सहायता के स्वरूप के अनुरूप है। वित्तीय सहायता के स्वरूप का विवरण इस प्रकार है:
क्रम संख्या | एसपीवी प्रणाली | क्षमता | अधिकतम सब्सिडी रूपये में* |
1 | डीसी पंप | 2 अश्वशक्ति तक | 57,600 |
> 2 अश्वशक्ति से 5 अश्वशक्ति तक | 54,000 | ||
2 | एसी पंप | 2 अश्व शक्ति तक | 50,400 |
> 2 अश्वशक्ति से 5 अश्वशक्ति तक | 43,200 |
* अनुसूचति जाति/ अनुसूचित जनजाति/महिला/पूर्वोत्तर/ छोटे तथा मझोले किसान 10 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी के पात्र हैं।
एनबी
- पूंजीगत सब्सिडी प्रतिष्ठापन, चालू किए जाने, परिवहन, बीमा 5 वर्ष का रख-रखाव तथा लागू कर सहित प्रणाली लागत पर लागू होती है ।
- लाभ प्राप्तकर्ता: व्यक्तिगत किसान, एसएचजी/किसानों का यूसी/किसानों की सहकारी समितियां/एफपीओ/उद्यमी
सौर ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा होती है और इसके आर्थिक तथा पर्यावरण लाभ हैं। किसानों के लिए सिंचाई में बिजली तथा डीजल पंपिंग प्रणाली के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा प्रेरित पंपिंग सेट हैं। सौर जल पंपिंग प्रणाली से कृषि संबंधी बिजली तथा डीजल बिल में सुधार होगा। इन सभी कारणों से कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए डीजल तथा बिजली पंपिंग प्रणाली के विकल्प के रूप में सौर पंपिंग प्रणाली की मांग बढ़ी है।