नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज चंडीगढ़ में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित चार दिवसीय ‘एग्रो टेक 2016’ को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले भूजल स्तर ज्यादा तेजी से नीचे जा रहा है और पानी की गुणवत्ता में कमी आ रही है, इसलिए यह जरूरी है कि उपलब्ध पानी का सभी उचित तरीके से उपयोग करें।
इस चार दिवसीय मेले में स्वदेशी पशु नस्लों से सतत डेरी फार्मिंग, जैविक खेती, लाभकारी मत्स्य पालन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सौर व जैव ऊर्जा की भूमिका पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही डिजिटल कृषि, मेक इन इंडिया, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा व सतत कृषि को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पांच देशों की सर्वश्रेष्ठ तकनीकों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि 12वां एग्रो टेक मेला ‘कृषि क्षेत्र की बेस्ट व नेक्स्ट’ की जानकारी का एक उत्तम जरिया बनेगा।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मोदी सरकार ने जल प्रबंधन एवं संरक्षण की अनेक योजनाएं शुरू की हैं, मुख्य रूप से नरेगा योजना के अंतर्गत भी कृषि भूमि पर ‘फार्म पांड’ की एक बड़ी योजना भी शुरू की गई है। हर खेत को पानी के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई है। वर्षों से लंबित 100 बड़ी परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था की गई है। इस योजना में पंजाब की कांदी केनाल एक्सटेंशन एवं पटियाला फीडर/कूटला ब्रांच पुनरूद्धार परियोजना का कार्य हाथ में लिया जाएगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में सॉयल हेल्थ की चुनौती केमिकल उर्वरकों के अधिक प्रयोग के कारण उत्पन्न हुई है। सॉयल हेल्थ को ठीक करने के लिए केंद्र सरकार ने दो पहल की है। एक तो पूरी यूरिया को नीम कोटेड किया गया है जिससे कि किसानों को कम यूरिया की जरूरत पड़ेगी। दूसरा सॉयल हेल्थ कार्ड (एसएचसी) योजना की शुरूआत की है। उन्होंने है कि अभी तक सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के तहत देश में कुल दो करोड़ 13 लाख मृदा के नमूने एकत्र किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि फसलों के अवशेषों (परली) को जलने से बचाने के लिए भारत सरकार कृषि मशीनों की खरीद पर 40 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। उन्होंने बताया कि कृषि में दूसरी कृषि क्रांतिलाने के लिए ‘तकनीकी ज्ञान’ की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बताया कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कृषि विकास तथा किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है। ये योजनाएं हैं – जैविक खेती के तहत और अधिक क्षेत्र लाने के लिए‘परंपरागत कृषि विकास योजना’, किसानों को लाभकारी मूल्य मुहैया कराने के लिए ‘राष्ट्रीय कृषि मंडी: ई-नाम’, गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए पहली बार ‘राष्ट्रीय गाकुल मिशन’ लाया गया है, पंजाब सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन में दो गोकुल ग्रामों की स्थापना- रोनी पटियाला एवं नाभा पटियाला- में की जा रही है। इसी प्रकार हरियाणा में दो गोकुल गा्रम- हिसारसेक्टर एक में सहीबाल और गिद गांव- में स्थापित किये जाएंगे। सरकार ने मछली पालन को आगे बढ़ाने के लिए ‘नीली क्रांति’ की शुरूआत की है। हरियाणा में 600 मछुआरों को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है एवं 2230 हेक्टेयर जल कृषि के तहत लाया गया है।
उन्होंने कहा कि मार्च 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार ने एक समिति गठित की है जो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीति बना रही है। कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि सी.आई. कृषि के समग्र विकास और किसानों की आय दोगुनी करने में अहम योगदान है।