देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में कृषि, उद्यान, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य एवं शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने राज्य के परम्परागत उत्पादों के विपणन पर विशेष ध्यान देने को कहा। मडुआ, रामदाना, काला भट्ट, गहत, राजमा आदि फसलों का समर्थन मूल्य शीघ्र तय करने के भी निर्देश उन्होंने दिये। इन फसलों के उत्पादन के लिये कृषकों को बोनस देने के साथ ही विपणन बोर्ड, स्वयंसेवी व निजि संस्थानों को भी इनके विपणन के लिये बोनस की व्यवस्था भी इस हेतु स्थापित 02 करोड़ के रिवाल्विंग फण्ड से की जाय।
उन्होंने प्रदेश की बड़ी मण्डियों की पर्वतीय क्षेत्रों में उप मण्डी स्थापित करने एवं राज्य के कद्दू व पेठा की मार्केटिंग पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने तिलहन व दलहन के क्षेत्रफल में वृद्धि कर इनके उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया। समय पर शीघ्र वितरण भी सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने दिये है। नर्सरी स्थापित करने व निःशुल्क पौध वितरण कार्यक्रम में भी तेजी लाने, कृषि व बागवानी क्षेत्र के बीमे की धनराशि का 50 प्रतिशत विभागीय स्तर पर वहन करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये गोचर एवं नवियालगांव में एनीमल हेजवेन्ट्री स्कूल स्थापित करने, पर्वतीय क्षेत्रों में बद्री गाय योजना को व्यापक स्तर पर संचालित करने के साथ ही इस वर्ष एक हजार गोट पालन समूह विकसित करने को कहा। इस योजना को आगे बढ़ाते हुए विधवा निराश्रित, परित्यगता अकेली महिलाओं को इस योजना में विशेष रूप से शामिल किया जाय, जिसमें 10 बकरी दी जायेगी, ऐसे गांवों को इसमें प्राथमिकता दी जाय, जहां 4-5 महिलाएं इसमें शामिल होंगी। उन्होंने दुग्ध उत्पादन योजनाओं के अन्तर्गत कलक्शन कास्ट घटाने दूर-दराज के क्षेत्रों में चीज बनाने की मशीन वितरित करने पर बल दिया ताकि दुग्ध उत्पादन व व्यवसाय आगे बढ़े। उन्होंने सिक मिल्क यूनियनों को बन्द करने व दुग्ध उत्पादन में दी जाने वाली सब्सिडी में वितरण में भी तेजी लाने के निर्देश दिये।
उन्होंने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिये मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिये जाने के लिये इसका प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये। तालाबों में मत्स्य पालन का अधिकार कश्यप समाज को दिये जाने नदियों, गदेरों, तालाबों में मत्स्य बीज डाले जाने एवं इस व्यवसाय से महिला स्वयं सहायता समूहों पुरूष व महिला मंगलदलों को जोड़ने के भी निर्देश उन्होंने दिये।
शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि उच्चीकृत विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती शीघ्र की जाय। अनुदान सूची वाले विद्यालयों पर शीघ्र कार्यवाही करने के साथ ही भविष्य में अनुदान के स्थान पर प्रोत्साहन धनराशि ऐसे विद्यालयों को उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्थाओं पर ध्यान दिये जाने पर बल दिया। पीटीए शिक्षकों को मानदेय दिये जाने, शिक्षक संगठनों की मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने, एलटी में 25 प्रतिशत पदों की वृद्धि करने, मेरिट के आधार पर 500 बीपीएड और योगा शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में भी कार्यवाही के निर्देश उन्होंने दिये। उर्दू, पंजाबी, बंगाली शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लायी जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि गेस्ट टीचरों को निकाला नहीं जाय। उनकी अन्य स्कूलों में तैनाती की व्यवस्था की जाय।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव डा.रणवीर सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।