लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच के अनुसार हमें कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाना होगा, जिससे किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को सर्वाेत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। इसमें कृषि तथा प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका अति महत्वपूर्ण रहने वाली है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की लागत को घटाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करके उनकी आय में वृद्धि करने के लिए खेत तथा आधुनिक तकनीक के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
कृषि मंत्री ने उक्त विचार इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोजित यूपी एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश की कृषि उत्पादकता में सराहनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर भी कार्य किया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र को समेकित रूप से विकसित करने के लिए जल तथा मृदा संरक्षण के साथ-साथ फल-फूल, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी तथा अन्य अनुषांगिक क्रियाओं को एकीकृत रूप से विकसित किया जायेगा। इसके लिए एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक ब्लाक एक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जायेगा। प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अच्छा बाजार मूल्य मिल सके, इसके लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देकर एग्रोप्रोसेसिंग के लिए किसानों को जागरूक किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रदेश के उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए जो स्टार्टअप तकनीक का विकास कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनायी जाने योग्य हो। साथ ही किसानों को गुणवत्तापरक उपज के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए खेत की आवश्यकता के अनुसार उर्वरक, सिंचाई एवं खाद का प्रयोग किया जाय, जिससे किसानों की लागत में कमी लायी जा सकती है।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अनुमान के आधार पर की जाने वाली खेती को सटीक तकनीक के आधार पर करने से प्रदेश की कृषि का कायाकल्प किया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि एग्रोटेक कम्पनियां खेत तथा तकनीक के बीच की दूरी घटाने में सफल रहीं तो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन की बनाने के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के अवसर पर कृषि उत्पादन से जुड़े हुए विभिन्न समूहों द्वारा अपने उत्पादों तथा कार्यक्रमों पर आधारित प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसका अवलोकन कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही के साथ उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह तथा कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के आर्थिक सलाहकार श्री के.वी. राजू, सचिव कृषि श्री राजशेखर, निदेशक उद्यान डॉ. आर.के.तोमर, निदेशक कृषि श्री वी.के. सिंह सहित अन्य अधिकारीगण, एग्रीटेक कम्पनियों के प्रतिनिधि तथा किसान उपस्थित रहे।