नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने पिछले 6 दशकों के दौरान नैदानिक प्रदाता, अनुसंधान संस्थान और शिक्षण संस्थान के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जेपी नड्डा ने ये उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 205-16 के दौरान एम्स, दिल्ली में 30 लाख बाह्यरोगियों, ढाई लाख अंत:रोगियों का इलाज किया गया और लगभग डेढ़ लाख शल्यचिकित्सा की गईं।
समारोह के दौरान श्री नड्डा ने कहा कि इस संस्थान ने हमेशा प्रतिभा और शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों को कायम रखा है। इस संस्थान ने पूरे देश से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित किया है जो इस संस्थान में युवा छात्रों के रूप में प्रवेश करती हैं और गरीब से गरीब लोगों की सेवा करने की गहन प्रतिबद्धता के साथ पासआउट होती हैं।
श्री जे पी नड्डा ने कहा कि एम्स देश में स्थापित किए जा रहे एम्स जैसे नए संस्थानों के लिए एक पथ प्रदर्शक भी है। इस संदर्भ में एम्स नियमों और विनियमों सहित अधीनस्थ विधानों को तैयार करने और समीक्षा करने में एम्स का कार्य बहुत सराहनीय रहा है। एम्स के योगदान पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने कहा कि इस संस्थान ने न केवल उच्च् प्रतिष्ठा अर्जित की है बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता, छात्रों की देखभाल, बुनियादी ढांचा और नौकरियों के अवसर जुटाने में काफी योगदान दिया है। इसके अपने नौ केन्द्रों, 52 शिक्षण विभागों और आठ सौ से अधिक शिक्षकों सहित दस हजार से ज्यादा जनशक्ति के साथ एम्स दिल्ली नर्सों और पैरामेडिकल पेशेवरों सहित अनेक संख्या में विशेषज्ञों (एमडी / एमएस), सुपर विशेषज्ञों (डीएम / एमसीएच), पीएचडी विद्वानों और संबद्ध स्वास्थ्य और बुनियादी विज्ञान विशेषज्ञों को तैयार करता है।
श्री नड्डा ने कहा कि पिछले वर्ष के दौरान लगभग छह सौ अनुसंधान परियोजनाओं आयोजित की गई हैं और संस्थान ने बायो मेडिकल के क्षेत्र में अग्रणीय और बढ़त वाले क्षेत्रों में सत्तर करोड़ रुपये से अधिक की बाह्य अनुसंधान सहायता प्राप्त की है। इसके अलावा संस्थान के शिक्षकों और वैज्ञानिकों ने 1800 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये हैं और एम्स को शोध प्रकाशन में विश्व के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में तीसरा स्थान दिया गया है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि एम्स अपने ट्रामा सेंटर, सर्जिकल ब्लॉक, मातृ और शिशु ब्लॉक और ओपीडी ब्लॉक का विस्तार करने की प्रक्रिया में है। यह विस्तार चरणबद्ध रूप से होगा, जिसके पूरा होनेपर अस्पताल की क्षमता लगभग दोगुनी हो जाएगी। सर्जिकल ब्लॉक में एक नेशनल एंडोस्कोपी सेंटर, हाई डिपेंडेंसी यूनिट और गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, कन्वर्जेंस ब्लॉक, क्रिटिकल केयर यूनिट, और नई धर्मशाला का इस वर्ष के दौरान उद्घाटन किया गया है। इन विस्तार योजनाओं से देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान की लम्बे समय से अनुभव की जा रही जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एम्स के अधीन झज्जर में दो हजार पैतीस करोड़ की लागत से राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) की स्थापना के प्रस्ताव को अभी हाल ही में मंजूरी दी है। एनसीआई आजादी के बाद देश में प्रस्तावित सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल (सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में) सुविधा है। प्रस्तावित संस्थान में विभिन्न सुविधाओं के लिए 710 बिस्तर उपलब्ध होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने समाज के कमजोर वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए संस्थान में एक नि:शुल्क जैनरिक फार्मेसी स्टोर का भी उद्घाटन किया और मेधावी शिक्षकों और छात्रों को अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किए।
इसके समारोह में एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम. सी. मिश्रा, एम्स डीन (अकादमिक), डॉ बलराम ऐरन, डीन (अनुसंधान) डॉ. एस के आचार्य तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के शिक्षकों और छात्रों तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस समरोह में उपस्थित थे।
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