वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।
निर्माण-कार्य के दौरान तोड़-फोड़ से निकले अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) के लिए धूल नियंत्रण उपायों की समीक्षा के बाद आयोग ने यह निर्देश दिया है। निकाय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने एवं स्थिति का मुआयना करने के लिए टीम गठित करने का वैधानिक निर्देश जारी किया।
आयोग ने उल्लंघनकर्ताओं से पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क वसूलने और उल्लंघन की सीमा के आधार पर निर्माण/तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश भी जारी किए हैं।
निर्माण-कार्य और तोड़-फोड़ की गतिविधियों से निकलने वाली धूल इस वर्ष वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत बनी रही है। इस तरह की गतिविधियां काफी मात्रा में धूल उत्पन्न करती हैं जोकि हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को बढ़ाकर उसकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर डालती है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा निर्माण-कार्य और तोड़-फोड़ से उत्पन्न कचरे से निपटने के लिए धूल नियंत्रण उपायों पर जारी दिशा-निर्देशों के संदर्भ में, आयोग ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा, राजस्थान, यूपी के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को निर्देश दिए हैं कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों के संबंध में नियमों का उल्लंघन करने वालों से निपटने के लिए औचक निरीक्षण टीमों का गठन करें तथा इसकी पाक्षिक निरीक्षण रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करें।