लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि एयर कनेक्टिविटी आज की आवश्यकता है। इसे आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के साथ मिलकर अनेक कदम उठाए हैं। ‘उड़ान योजना’ के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की संकल्पना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके। उत्तर प्रदेश ने इस स्वप्न को साकार किया है। प्रदेश में वायु सेवा का तेजी के साथ विस्तार हुआ है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां चौधरी चरण सिंह अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इण्डिगो एयरलाइन्स द्वारा लखनऊ-वाराणसी रूट पर नयी उड़ान सेवा आरम्भ किये जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्हें इण्डिगो एयरलाइन्स की ओर से बोर्डिंग पास दिया गया। मुख्यमंत्री जी ने हरी झण्डी दिखाकर लखनऊ से वाराणसी उड़ान का शुभारम्भ किया तथा प्रथम उड़ान के एक यात्री को बोर्डिंग पास दिया।
लखनऊ से वाराणसी की उड़ान सेवा के शुभारम्भ के लिए प्रदेशवासियों तथा इण्डिगो परिवार को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बहुत दिनों से जनप्रतिनिधियों, वाराणसी के उद्यमियों, व्यापारियों, विद्वत समाज तथा श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की यह मांग थी कि वाराणसी को लखनऊ से हवाई सेवा से जोड़ दिया जाए। आज देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाली वाराणसी से इण्डिगो की फ्लाइट से जोड़ने का कार्य हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वाराणसी और देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। जनपद वाराणसी ने विगत 09 वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। काशी ने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक तथा भौतिक विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस दृष्टि से प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वाराणसी को हवाई सेवा से जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। वर्ष 2016-17 में वाराणसी से एक वर्ष में 19 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी। गत वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 25 लाख से अधिक हो चुकी है। यह वाराणसी के पोटेंशियल को दिखाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 06 वर्षों में वायु सेवा का तीव्र गति से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ में दो पूरी तरह क्रियाशील हवाई अड्डे थे। गोरखपुर और आगरा के हवाई अड्डे आंशिक रूप से क्रियाशील थे। प्रयागराज कुम्भ के दौरान वहां एयरपोर्ट की सुविधा प्रारम्भ की गयी थी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 09 पूर्ण क्रियाशील एयरपोर्ट हैं तथा 12 एयरपोर्ट पर कार्य चल रहा है, इनमें दो नए इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण शामिल है।
अयोध्या का अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर तक क्रियाशील हो जाएगा। गौतमबुद्धनगर के जेवर में राज्य सरकार एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रही है। इसका पहला रनवे इस वर्ष के अन्त तक प्रारम्भ हो जाएगा। यह कार्गो की ढुलाई में वृद्धि कर उत्तर प्रदेश को एक्सपोर्ट के हब के रूप में स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा की पहले उत्तर प्रदेश में घरेलू वायु सेवा के बारे में कोई नहीं सोचता था। आज बरेली, आगरा तथा प्रयागराज में वायु सेवा प्रारम्भ हो चुकी है। गोरखपुर से वर्ष 2016-17 में 54,000 यात्री उड़ान भरते थे। आज यह संख्या 07 लाख 18 हजार से ज्यादा हो गई है। प्रयागराज में यात्रियों की संख्या 45 हजार से बढ़कर 05 लाख 71 हजार तथा लखनऊ में यात्रियों की संख्या 39 लाख 68 हजार से बढ़कर 52 लाख 20 हजार से अधिक हुई है। यह उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को दर्शाता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में तेजी के साथ वायु सेवा का विस्तार किया जा रहा है।
आजमगढ़, श्रावस्ती, सोनभद्र, चित्रकूट, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ तथा सहारनपुर में भी एयरपोर्ट बन रहे हैं। इन सभी को शीघ्र ही वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया ने प्रदेश सरकार के साथ 05 एयरपोर्ट के संचालन के लिए एम0ओ0यू0 किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इण्डिगो की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसने वर्ष 2006 से अपनी सेवाएं प्रारम्भ की थीं। इण्डिगो आज देश में अपनी बेहतरीन सेवा के लिए जानी जाती है। इसमें तेजी के साथ विस्तार हो रहा है। लोगों में इसकी मांग है। क्वॉलिटी सर्विस आज की आवश्यकता है। पैसेंजर के साथ अच्छा व्यवहार हो, वह जिस विश्वास के साथ यात्रा करने के लिए आता है, उसे समयबद्धता का ध्यान रखते हुए सेवाएं उपलब्ध हों, तो पैसेंजर में इसका सकारात्मक प्रभाव बनता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बहुत सारी सम्भावनाएं हैं। आने वाले समय में लगभग 2000 एयरक्राफ्ट भारतीय बाजार में आने वाले हैं, जो वायु सेवा को बेहतर करने, लोगों की उड़ान और उनकी महत्वाकांक्षाओं को एक नई दिशा देने में योगदान करेंगे। इस प्रतिस्पर्धा के लिए सबको तैयार होना होगा। आज का समय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का है, जो इसमें क्वालिटी देगा तथा समयबद्धता के साथ आगे बढ़ेगा वहीं इस प्रतिस्पर्धा में टिक पाएगा। इस प्रतिस्पर्धा का लाभ इण्डिगो ले रही है और अपनी सेवाएं आम नागरिकों को उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आज जिस उड़ान को लखनऊ से वाराणसी के बीच प्रारम्भ किया जा रहा है, सप्ताह में तीन दिन इसकी उड़ानें हैं। इसे प्रतिदिन करने के साथ ही, फ्लाइट शेड्यूल को ठीक करना होगा। यह सेवा सफलतम सेवाओं में से एक होगी। यह अवसर है जब हम सभी भारत की उड़ान को वायु सेवा के माध्यम से तेजी के साथ आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने आज लखनऊ से वाराणसी जा रही पहली फ्लाइट के माध्यम से यात्रा करने वाले प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों सहित सभी यात्रियों को शुभकामनाएं दीं।
केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ0) वी0के0 सिंह (सेवानिवृत्त) ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में उड़ान योजना के अन्तर्गत अनेक कार्य किये जा रहे हैं। आज इण्डिगो द्वारा लखनऊ से वाराणसी के मध्य शुरू की जा रही हवाई सेवा से दोनों महत्वपूर्ण जगहों पर लोगों के लिए यात्रा सुगम होगी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाबा विश्वनाथ की नगरी आने-जाने में सहूलियत होगी।
इस अवसर पर इण्डिगो के सी0ई0ओ0 श्री पीटर एल्बर्स ने कहा कि आज वाराणसी को लखनऊ से हवाई मार्ग से जोड़ने पर उन्हें गर्व है। यह राज्य में घरेलू कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में सहायक होगा। इण्डिगो एयरलाइन्स हवाई यात्रा के माध्यम से देश के अनेक राज्यों को जोड़ने के लिए कटिबद्ध है।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद तथा इण्डिगो एयरलाइन्स के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।