अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजे-एनआईएफएम) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने शिक्षा के क्षेत्र में परस्पर आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने तथा एजे-एनआईएफएम में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे असैनिक एवं रक्षा अधिकारियों व अन्य प्रतिभागियों की पेशेवर क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से आज यहां एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन पर जेएनयू की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी. पंडित और एजे-एनआईएफएम के निदेशक श्री प्रभात आर. आचार्य द्वारा नई दिल्ली स्थित जेएनयू परिसर में दोनों संस्थानों के वरिष्ठ प्रोफेसरों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन से निम्नलिखित परिणाम सुनिश्चित होंगे:
- जेएनयू द्वारा रक्षा सेवाओं सहित सरकार के अनुभवी उम्मीदवारों और अन्य प्रतिभागियों के साथ-साथ एजे-एनआईएफएम के पूर्णकालिक दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने वाले नए छात्रों को वित्त में एमबीए की डिग्री और वित्तीय प्रबंधन में एमबीए की डिग्री प्रदान की जाएगी।
- शिक्षा, प्रशिक्षण और विकास से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान, और इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से तय किए गए अन्य आदान-प्रदान और सहकारी गतिविधियां।
- पारस्परिक हितों से संबंधित क्षेत्र से जुड़े प्राध्यापकों का आदान-प्रदान ।
आवश्यक होने पर दोनों पक्ष इस समझौता ज्ञापन को लागू करने के लिए समय-समय पर आपस में परामर्श करेंगे और इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दृष्टि से उपयुक्त प्रक्रियाओं, योजनाओं और सहयोग के कार्यक्रमों की सिफारिश करेंगे।
इस समझौता ज्ञापन के बारे में बोलते हुए, एजे-एनआईएफएम के निदेशकश्री प्रभात रंजन आचार्य ने कहा, “जेएनयू के साथ किया गया यह समझौता ज्ञापन ज्ञान एवं अनुभव साझा करने और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के माध्यम से एजे-एनआईएफएम के पाठ्यक्रमों से जुड़े प्रतिभागियों की शैक्षणिक, पेशेवर और तकनीकी क्षमता को प्रोत्साहित और मजबूत करते हुए सहकारी संस्थागत संबंधों की दिशा में एक उपयुक्त रूपरेखा तैयार करेगा।”