लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी द्वारा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन का राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव एवं श्री अखिलेश यादव एवं श्री राहुल गांधी के संयुक्त नेतृत्व में नई सम्भावनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत है-
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौर में जहां मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र एवं समाजवादी विचार के साथ विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं वहीं जातीयता और सांप्रदायिक ताकतों की ताकतें प्रदेश की जनता को बरगलाने से बाज नहीं आ रही हैं। सांप्रदायिकता की जहरीली हवा के प्रदूषण को दूर करने के लिए समाजवादी पार्टी-कांग्रेस साथ-साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने जनता तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए रोड शो का माध्यम भी अपनाया है।
मोदी जी अच्छे दिन तो नही ला पाये लेकिन दो अच्छे नेता अखिलेश यादव और राहुल गांधी जरूर साथ आ गये हैं। अब उत्तर प्रदेश में मोदी जी की दाल नहीं गलने वाली है। यूपी की जनता को भाजपा ने एक बार फिर धोखा देना तय किया है। लेकिन लोकतंत्र के साथ ठगी नहीं चल सकती। भाजपा नेताओं का छल अब उत्तर प्रदेश में ही नहीं -गुजरात में भी नही चल सकेगा। भाजपा नेताओं की यूपी को बदनाम करने की रणनीति को जनता जान चुकी है। उत्तर प्रदेश की जनता का अखिलेश यादव के नेतृत्व में अटूट विश्वास है।
लखनऊ और आगरा में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने विजय रथ पर एक साथ खड़े होकर जनता का अभिवादन किया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ आने से उत्तर प्रदेश में एक नए विश्वास का संचार हुआ है। आगरा में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के रोड शो ने कीर्तिमान रच दिया। जिस प्रकार लखनऊ के रोड शो में लाखों की संख्या में जनता दोनों नेताओं के समर्थन में उमड़ी वैसा जन सैलाब पिछले कई दशकों में देखने को नही मिला।
इसी प्रकार आगरा के रोड शो ने सूबे की राजनीति की दिशा को बदल दिया। आगरा उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विश्व विख्यात है। 12 किलोमीटर की लखनऊ की रथयात्रा और 9 किलोमीटर आगरा की रथयात्रा में उमड़ी भीड़ के समर्थन और समाज के सभी वर्गोें की भागीदारी से यह स्पष्ट संदेश था कि जनता ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने का फैसला सुना दिया है। उत्तर प्रदेश के चुनाव की तरफ पूरा देश देख रहा है।
लखनऊ -आगरा के रोड शो ‘विकास से विजय की ओर‘ के बाद उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की संयुक्त जनसभा अखिलेश यादव को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिये विजय घोष किया। गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिला, अल्पसंख्यक हितैषी कार्यों की वजह से कानपुर की जनता ने दुबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के प्रति अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया।
श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने सभी क्षेत्रों में विकास के जो कार्य किये है उससे विपक्षी दलों को अपनी राजनैतिक जमीन खिसकती नज़र आ रही है। ऐसे में दोनों युवा नेताओं का यूपी के चुनावी समर में एक साथ निकलना और रथ साझा करना साम्प्रदायिक शक्तियों को उखाड़ फेंकने में सक्षम है। यही सक्षम नेतृत्व उत्तर प्रदेश को विकास एवं समृद्धि की नई बुलंदियों की ओर ले जायेगी। इसीलिए भाजपा को दिल्ली के खतरे का अंदेशा स्वाभाविक है। उत्तर प्रदेश की फतेह की दस्तक का संदेश है।
मेरठ और अलीगढ़ में आयोजित हुयी बीजेपी की रैली में प्रधानमंत्री जी ने एक बार फिर भ्रम फैलाने का कार्य किया है। हालिया पेश किये गये किसान विरोधी और गरीब विरोधी बजट प्रस्तुत करने के बाद प्रधानमंत्री गरीबी से मुक्ति का झूठा दुष्प्रचार करने में लगे है। साम्प्रदायिकता का सहारा लेकर भाजपा यूपी चुनाव को प्रभावित करना चाहती है जबकि उत्तर प्रदेश की जनता का पूरा भरोसा श्री अखिलेश यादव के कुशल नेतृत्व पर मजबूत हुआ है।