लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि बसपा प्रमुख अपनी आदत से मजबूर है। जनहित की बात करने के बजाय वे बस समाजवादी सरकार को बदनाम करने और झूठे अनर्गल आरोप लगाने को ही अपनी राजनिति समझती है। उनकी रैलियों का उद्देश्य सिर्फ जातीय और सांप्रदायिकता को विस्तार देना ही है, क्यांेकि भाजपा और बसपा का अघोषित गठबंधन बना ही इसीलिए है। समाजवादी सरकार के खिलाफ वे वहीं पुरानी कहानी सुनाकर अपने ही मतदाताओं को गुमराह करने में लगी रहती है।
कायदे से बसपा अध्यक्ष को इधर उधर की बात करना छोड़ देना चाहिए। जिनके नाम पर उन्होंने अपना राजनीतिक कारोबार चला रखा है वह दलित समाज भी इनकी सच्चाई से परिचित हो गया है। इसलिए अब उन्हें दलितो के वोट का भी टोटा पड़ जाएगा।
जबसे प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है और जनता ने बसपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, तभी से बसपा अध्यक्ष बुरी तरह बौखलाई हुई हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के शपथ लेने के दिन से ही वे प्रदेश की जनता को अपमानित करने और यहाँ राष्ट्रपति राज की मांग करने लगी हैं। अपने इस असंवैधानिक कृत्य के लिए उन्हें कभी अपराधबोध नही हुआ जबकि लोकतंत्र में बहुमत की सरकार के खिलाफ ऐसी बात करने का कोई नैतिक हक नही है। यह तो रोज-रोज जनादेश का घोर अपमान है।
बसपा अध्यक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे उठाती हैं जबकि इस संबन्ध में उनके शासनकाल का रिकार्ड निहायत शर्मनाक रहा है। इनके समय में जनता बुरी तरह तबाह रही। सरकारी खजाना पार्को, स्मारकों और जीतेजी लगी बसपा प्रमुख की प्रतिमाओं पर लुटाया गया। सत्ता के गलियारों में हर तरफ मोटे कमीशन की वसूली का खेल चलता रहा। दलितों का बुरी तरह शोषण हुआ।
सर्वाधिक बलात्कार और अपहरण की घटनांए बसपा राज में हुई। थानों में दलित किशोरियों से बलात्कार कर उनके शव पेड़ो से लटकाए गए। बसपा अध्यक्ष के जन्मदिन पर जबरन चन्दा वसूली में एक इंजीनियर को मार डाला गया। इन सभी कांडो में बसपा के ही मंत्री विधायक शामिल रहे। यह तो पुरानी बात हो गयी है कि बसपा राज में जेल में सीएमओ की हत्या हो गई।
बसपा अध्यक्ष अब समाजवादी पार्टी पर चाहे जो आरोप लगाए पर सच यह है कि वे भाजपा के सहारे अपनी सरकारें बनाती रही हैं। भाजपा के प्रति कृतज्ञता जताने वे गुजरात में मोदी जी का चुनाव प्रचार करने भी गई थी। भाजपा-बसपा का भाई-बहिन का पुराना रिश्ता सभी की जानकारी में है। वे इस दाग को छुपाने के लिए ही सपा पर आरोप लगाती हैं।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने विकास की नई परियोजनांए लागू कर इसे पिछड़ेपन से उबारने का काम किया है। समाजवादी सरकार ने समाज के कमजोर, वंचित और दलित वर्ग को रोजी-रोटी और सम्मान से जीने के अवसर दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की बेदाग छवि है और उनके व्यक्तित्व तथा कामों का कोई मुकाबला नही है। विपक्ष अभी तक चुनाव मैदान में अगली पंात के आस पास भी नही दिख रहा हैं। जनता का भरोसा सिर्फ समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर है।