चमोली/देहरादून: राज्य निर्माण की अवधारणा के पीछे मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रो का विकास करना है। नीतियां, योजनाये कही भी बने लेकिन सरकार का लक्ष्य पर्वतीय क्षेत्र का विकास करना है सरकार दूरदराज के गाॅव के विकास के लिए दृढसंकल्पित है,
यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को चार दिवसीय अलकनन्दा पर्यटन सांस्कृतिक ग्रामीण कृषि विकास मेला मैठाणा के उद्धाटन समारोह में जनता को सम्बोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां है, और हमने पिछले डेढ साल तक चुनौतियो का रास्ता ढूढा है। राज्य के निर्माण के लिए सभी को आगे आना चाहिए। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आशातीत वृद्धि हुई है परन्तु अभी भी छात्रो को विभिन्न तकनीकी संस्थानो में आशा के अनुरूप स्थान नही मिल पा रहा है इस कमी के निवारण हेतु शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिल्पकार, विकलांग, परित्यकता, विधवा, कलाकार आदि पेश्ंन का प्राविधान किया गया है जिसका लाभ पात्र लाभार्थियो को मिलना चाहिए। शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिये सरकार के स्तर से गम्भीर प्रयास किये जा रहे हैं, छात्र किसी समाज, राज्य व देश का भविष्य होते हैं इस भविष्य को संवारने का कार्य शिक्षा द्वारा होता है। शिक्षा की बुनियाद तभी मजबूत हो पायेगी जब अभिभावक भी स्वंय बच्चो की पढाई में ध्यान देगें। राज्य में करीब सौ महाविद्यालय स्थापित है लेकिन शिक्षा का स्तर व शिक्षण संस्थानो की गुणवत्ता नही सुधर रही है। राज्य में प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा के लिए बेहतर जाल बिछ चुका है परन्तु सही मायने मे शिक्षा की स्थिति अच्छी नही है। उन्होने छात्रो सेे मांगो की स्वीकृति के बदले गाॅव में शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिये जिम्मेदारी उठाने की बात कही। उन्होने ग्रामीणो से प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिये पारम्परिक खेती को अपनाने की अपील की। किसानो को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार उत्पादित चीजो की कीमते भी बढा रही है। उन्होने दुग्ध उत्पादन को बढावा देते हुये कहा कि महिला समूह गठन कर दुग्ध उत्पादन को बढायें। फलदार वृक्षो के उत्पादन पर जोर देते हुये कहा कि माल्टा, नीबू, का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। मडुवे के उत्पादन पर सरकार द्वारा बोनस का प्राविधान किया गया है। उन्होने परम्परागत हस्तशिल्प व दस्तकारी को अपनाने पर बल देते हुये संस्कृति को सजोये रखने के लिये सबका सहयोग की अपेक्षा की। उन्होने जल संरक्षण के लिये चालखाल के निर्माण पर बल देते हुये कहा कि सरकार द्वारा चालखाल में एकत्रित पानी पर बोनस देने का निर्णय लिया गया है। उन्होने फलदार वृक्षो के उत्पादन पर कहा कि इस पर भी सरकार द्वारा तीन साल बाद बोनस दिया जायेगा। उन्होने हल्दी, प्याज के क्लस्टर तैयार करने पर भी बल दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने लो0नि0वि0 को जुम्मा-कागा मोटरमार्ग में तेजी लाने के निर्देश दिये। कुजो मैकोट में एस0ए0डी0 की स्वीकृति, सैकोट मे बीज उत्पादन केन्द्र, सैकोट ग्राम पंचायत घर मरम्मत हेतु एक लाख की घोषणा, सहित नन्द्रप्रयाग-बैरासकुण्ड मोटरमार्ग दो किमी0 डामरीकरण, धारकोट प्राइमेरी विद्यालय हेतु विधायकनिधि से एक कक्ष निर्माण, देवाल में बहुउद्देशीय विपणन केन्द्र, ल्वाणी में ए0एन0एम0 सेन्टर, धारकोट- बैडुला आर0सी0सी0 पुल, मटई मोटरमार्ग दो किमी0 डामरीकरण, मेला कमेटी को एक लाख अनुदान सहित स्वत्रतता संग्राम सैनानीयो एवं शहीद सैनिको के नाम पर संस्थाओ का नामकरण करने की घोषणा की। इस अवसर पर मेला कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री श्री रावत को साॅल एवं प्रतीक चिन्ह भेटकर स्वागत किया गया।
उद्घाटन समारोह में विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र सिह भण्डारी, विधायक थराली जीत राम, उपाध्यक्ष जिला पंचायत लखपत सिह बुटोला, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिह लिगंवाल, बारएसोसिएसन के अध्यक्ष नन्दन सिह बिष्ट, मेला कमेटी अध्यक्ष चण्डी प्रसाद थपलियाल , उपाध्यक्ष उषा रावत, ब्लाक प्रमुख दशोली प्रमीला सजवाण, अनेक जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, उपजिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा, के0एन0 गोस्वामी, उपपुलिस अघीक्षक बी0एस0 रावत सहित अनेक विभागीय अधिकारी एवं जनता मौजूद थी।