नई दिल्ली। अलगाववादी नेता मसरत आलम को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। शुक्रवार को केंद्र के दबाव के आगे झुकते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने मसरत आलम को श्रीनगर के हब्बाकदल इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सबसे पहले उसे शहीद गंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया। गिरफ्तारी से पहले ये लोग त्राल में सेना के खिलाफ एक रैली करने वाले थे।
मसरत और हुर्रियत चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी को गुरुवार रात ही पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया था। बुधवार को श्रीनगर में गिलानी की रैली में मसरत आलम ने पाकिस्तान और आतंकी हाफिज सईद के समर्थन में नारे लगाए थे और पाकिस्तान के झंडे भी लहराए गए थे ।
मसरत आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ श्रीनगर में अलगाववादी समर्थकों ने जुमे की नमाज खत्म होने के बाद जमकर हंगामा किया। मसरत आलम की रिहाई की मांग अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई में सैकड़ों लोगों ने त्राल की तरफ मार्च निकाला। ये लोग मसरत को जल्द छोड़ने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने हालात बिगड़ते देख इन्हें रोकने की कोशिश की तो ये पुलिस से भी उलझ गए। हालात संभालने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे। इसके जवाब में हंगामा कर रहे लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। ये लोग मसरत की रिहाई के साथ साथ बाकी अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किए जाने का भी विरोध कर रहे थे।