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“सबका साथ, सबका विकास” को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की: डॉ नज़मा हेपतुल्ला

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नज़मा हेपतुल्ला ने एनडीए सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित एक समारोह में अपने मंत्रालय की दो साल की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया। इस समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में मंत्रालय के योजना बजट में 168 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई, जो सरकार की अल्पसंख्यकों के विकास के लिए उसकी प्रतिबद्धता का एक सबूत है। उन्होंने यह दोहराया कि सरकार की प्राथमिकता कौशल विकास और शैक्षिक सशक्तिकरण के माध्यम से अल्पसंख्यकों का विकास करना है। ‘नई मंज़िल’ और ‘उस्ताद’का शुभारंभ किया गया और ‘सीखो और कमाओ’ के बजट परिव्यय में पिछले दो वर्षों के दौरान वृद्धि की गई ताकि ‘सबका साथ सबका विकास’विजन को प्राप्त किया जा सके। श्रम की गरिमा की तरफदारी करते हुए उन्होंने अल्पसंख्यकों को सलाह दी कि जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें उत्कृष्टता हासिल करें। उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पीपीपी मोड में 100 पब्लिक स्कूल खोलने के लिए सहमत हो गया है जहां गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जाएगी। मंत्रालय ने अलीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे ऐसे 10 स्कूलों को 10 करोड़ रुपये दिये गए हैं। पिछड़ेपन और अशिक्षा से लड़ने के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों से आगे आने और उनके मंत्रालय द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कहा। अपने मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डॉ. नज़मा ने अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि पूरी टीम ‘सबका साथ सबका विकास’ को वास्तविकता में बदलने के मार्गदर्शक सिद्धांत के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

2013-14 में सीखों और कमाओ के लिए 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जबकि 2014-15 और 2015-16 में क्रमशः 46 करोड़ और 191.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस प्रकार दो वर्षों में 11 गुणा बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इससे लाभार्थियों की संख्या में छह गुना वृद्धि दर्ज हुई है और इस दौरान दो वर्षों में उच्च गुणवत्ता प्रशिक्षण में प्रति लाभार्थी प्रशिक्षण सहायता निधि में 1.84 की वित्त पोषण वृद्धि हुई है। इन लाभार्थियों में 42 प्रतिशत लड़कियां लाभार्थी रहीं। प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओ के आंकड़े जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यकों के विकास के लिए ‘नई मंज़िल’, ‘उस्ताद’और हमारी धरोहर जैसी नई पहल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के लिए नई मंज़िल से कौशल प्रशिक्षण मिलेगा और ऐसे बच्चों को कक्षा 8 और कक्षा 10 के शैक्षिक प्रमाण पत्र मिलेंगे। इस योजना की सराहना करते हुए विश्व बैंक ने 50 मिलियन डॉलर के ऋण की मंजूरी देते हुए इस योजना को अन्य देशों में भी लागू करने की सिफारिश की। उस्ताद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस्ताद न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि कौशल के क्षेत्र में भी लागू है। यह योजना अल्पसंख्यकों द्वारा अपनाई जा रही परंपरागत कला और शिल्प के संरक्षण और संवर्धन के लिए है। उन्होंने मंत्रालय के अन्य कार्यक्रमों के बारे में भी बात की। इस आयोजन के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियों का प्रदर्शन करने वाली एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।

कौशल के लिए मौलाना आजाद नेशनल एकेडमी (मानस) द्वारा कौशल विकास के लिए दो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। मानस ने पूर्व क्रिकेटर के श्रीकांत के संगठन ए. ए. एजूटेक (प्राइवेट) लिमिटेड और मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के साथ भी एक-एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर छह पुस्तकों का भी विमोचन हुआ। इनमें अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय की दो वर्षों (2014-16) की पहल एवं उपलब्धियां, मॉडल वक्फो नियम 2016, ‘हमारी धरोहर’ योजना (तेलंगाना, उस्मानिया विश्व‍विद्यालय के दैरातूल मारीफिल उस्मोनिया  (1888 में स्थापित एक संस्थान) के तहत अनुदित चार पुस्तिकें शामिल हैं। यह अरबी भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद, चिकित्सा), गणित, साहित्य आदि विषयों पर मुगलकाल की अवधि के 240 बहुमूल्य) दस्तावेजों के डिजिटइजेशन एवं पुनर्प्रकाशन से संबंधित है। इन चार पुस्तकों में से एक चिकित्सा पर, एक गणित पर,एक परिचर्चा के दर्शन पर एवं एक संगीत के इतिहास पर आधारित थी।

      डिजिटल इंडिया की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए मंत्री महोदया ने नई उड़ान पोर्टल एवं वास्तविक समय सीसीटीवी कैमरों के जरिये उनकी ऑनलाइन निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए एवं मानस के प्रशिक्षण केंद्रों के भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मानचित्रण के लिए मानस वेब पोर्टल को भी लॉंच किया।

      मंत्री महोदया ने रिमोट वीडियो लिंक के जरिये लेह (लद्दाख) एवं एनसीआर क्षेत्र में पारंपरिक शैक्षणिक संस्था नों में स्थापित 10 नये कौशल विकास केंद्रों का भी उद्घाटन किया।

      डॉ. नज़मा ने अल्पसंख्यक समुदायों के युवा अवस्था में उपलब्धियां हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया। 2016 की प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं में चयनित पांच उम्मीदवारों में से तीन इस अवसर पर उपस्थित थे। इनके नाम हैं – सुश्री गुरलीन कौर, सुश्री यांगचेन भूटिया एवं शेख अंसार अहमद। उन्होंने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत  उत्कृष्ट  प्रशिक्षुओं/लाभार्थियों को भी सम्मानित किया। इनमें मुरादाबाद की सुश्री अर्शी खानन, बिजनौर के श्री एम. सैफुल इस्लाम,लुधियाना की सुश्री रंजीत कौर एवं लुधियाना के ही श्री गुरविंदर सिंह (सभी सीखो और कमाओ योजना के तहत) और काशीपुर (उत्तराखंड) की रशीदा अंसारी और मुंबई (एनएमएफडीसी) की सुश्री अस्मा शेख कादिर शामिल हैं। उपलब्धियां हासिल करने वाले कुछ अन्य लोगों को भी पुरस्कृत किया गया। विज्ञान भवन में चित्रों एवं शिल्पकारों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

      कार्यक्रम के दौरान कई मंत्री, राजनयिक एवं विभिन्न् समुदायों के कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस अवसर पर कौशल विकास परियोजनाओं के प्रमुख साझीदार एवं मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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