नई दिल्लीः केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी तथा कानून व न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज सीएससी एसपीवी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कई प्रमुख सेवाओं का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन में ग्राम स्तर के उद्यमियों (वीएलई) द्वारा ग्रामीण वाईफाई नेटवर्क अवसंरचना के विकास में की गई प्रगति और प्रभाव को प्रदर्शित किया गया।
निम्न सेवाओं का शुभारंभ किया गया –
- भारत में 5000 डिजिटल गांव : वाईफाई सुविधा से 5000 गांवों के लोग अब इंटरनेट कनेक्टीविटी का आनंद ले रहे हैं। वाईफाई चौपाल ने ऑप्टिक फाईबर केबल की मदद से 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- सीएससी और आईआरसीटीसी के बीच सहमति : सीएससी एसपीबी ने अपने केंद्रों के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने के लिए आईआरसीटीसी के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत सीएससी केंद्र आईआरसीटीसी के एजेंट के रूप में कार्य करेंगे। वे सामान्य रेल टिकटों का भी विक्रय करने में सक्षम होंगे।
- इंडसइंड बैंक द्वारा सीएसआर सहयोग : इंडसइंड बैंक सीएससी को सहयोग देते हुए अपने सीएसआर कोष के माध्यम से 3 लाख लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करेगा। अभ्यार्थियों को पीएमजीडीआईएसएचए के अंतर्गत प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
पूरे देश से आए 3000 ग्राम स्तर के उद्यमियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि भारत में सभी वाईफाई चौपाल ज्ञान के केंद्र बन जायेंगे। प्रौद्योगिकी के युग में सूचना ही ताकत है। अब किसी ग्रामीण को सेवाओं के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएससी के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में सिंगापुर में सीएससी के प्रयासों की प्रशंसा की थी। इससे सीएससी को बड़ी मान्यता मिली है। श्री प्रसाद ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 जून को सीएससी वीएलई के सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
केंद्रीय वित्त, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2.90 लाख साझा सेवा केंद्र अब व्यापार प्रतिनिधि (कॉरस्पोन्डेंट) के तौर पर काम कर सकेंगे। श्री गोयल ने कहा कि डिजिटल तकनीक के विकास से सकल घरेलू उत्पाद में 5 फीसदी की वृद्धि होगी। साझा सेवा केंद्र सामाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने की क्षमता रखते हैं।
प्रोद्योगिकी विभाग की सचिव सुश्री अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि साझा सेवा केंद्र भविष्य में आंकड़े एकत्र करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। यह केंद्र सामग्री वितरण नेटवर्क का भी निर्माण करेंग। ग्रामीण भारत को तकनीकी विकास का लाभ मिलेगा और भारतनेट परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर सृजित होंगे तथा लोगों को देश के समावेशी विकास में योगदान करने का मौका मिलेगा। वाई-फाई चौपाल के तहत जो ढांचा खड़ा किया गया है वो राष्ट्रीय संपत्ति होगी। इसका प्रयोग सेवा प्रदाता बिना किसी भेदभाव के कर सकेंगे। साझा सेवा केंद्रों का प्रयोग देश में भारतनेट की देखभाल संबंधी कार्यों में भी होगा।
इस अवसर पर श्री गोयल ने वाईफाई चौपाल के तहत साझा सेवा केंद्रों-ग्राम स्तर के उद्यमियों द्वारा की गईं विभिन्न रचनात्मक पहलों से संबंधित एक विशेष प्रकाशन का भी विमोचन किया। हरिद्वार, गोंदिया के ग्राम स्तर के चार उद्यमियों ने जनसेवा केंद्र वाईफाई चौपाल से जुड़ी सफलता की कहानियां साझा की। इनका पहलों से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों सहित अन्य लोगों को भी रोज़गार मिला है।