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प्रसार भारती अभिलेखागार में संकलित गुरुबानी और शबद कीर्तन के डिजिटल संस्‍करण जारी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नयी दिल्‍ली में आकाशवाणी के नवप्रसारण सभागार का उद्धाटन किया और प्रसार भारती अभिलेखागार में संकलित गुरुबानी और शबद कीर्तन के डिजिटल संस्‍करण जारी किये। इस असवर पर आकाशवाणी के विदेश सेवा प्रभाग की ओर से गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्ब के उपलक्ष्‍य में बानी उत्‍सवस के रूप में शबद कीर्तन का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें कई जाने माने रागियों ने हिस्‍सा लिया।

श्री जावड़ेकर ने सभागार का निर्माण सफलतापूर्वक संपन्‍न हो जाने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यह बहुउद्देश्यीय सभागार अब कलाकारों के लिए एक ऐसा स्‍थान होगा जो  जो उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा को बढ़ावा देने में मदद करेगा, और उन्‍हें खुद के कौशल को निखारने के साथ ही वैश्विक मंच पर  भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी प्रदान करेगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि “स्वयं का एक सभागार होने से न सिर्फ अपने नियमित कार्यक्रमों को आयोजित करने में सुविधा होगी बल्कि ऐसे कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा सकेगा जो संगीत, नृत्य और नाटकों के मंचन आदि को लोकप्रिय बना सकेंगे और  राजधानी को एक नए सांस्कृतिक केंद्र और गंतव्य स्‍थल के रूप में बदलने का काम करेंगे।

केन्‍द्रीय मंत्री ने अत्‍याधुनिक नवप्रसारण सभागार का काम सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रसार भारती तथा सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के संयुक्‍त प्रयासों की सराहना करते हुए कला के विभिन्‍न रूपों को बढ़ावा देने के लिए ऐसी सुविधाओं का भरपूर इस्‍तेमाल करने पर जोर दिया।

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श्री जावड़ेकर ने नवप्रसारण सभागार की एक पट्टिका का भी अनावरण किया । इस अवसर पर केन्‍द्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल तथा पर्यावरण,वन और जनवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी उनके साथ थे।

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श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने गुर नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि इस महान संत का आलोक आज न केवल तकनीक के युग में बल्कि आज से 500 वर्ष पूर्व उस समय से पूरे विश्‍व को आलोकित कर रहा है जब वह इस दुनिया में अवतरित हुए थे और एशिया से लेकर कैरेबियाई तट और आगे मध्‍यएशिया तक की यात्रा की थी। उनके भाईचारे के सार्वभौमिक संदेश की वजह से उन्‍हें मानवता की शाश्‍वत शांति के पैंगबर की तरह याद किया जाता है।

ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे संगीत और नृत्य संगीत, टैलेंट हंट शो, स्‍मारक व्‍याख्‍यान आदि के आयोजन के लिए अपने स्वयं के आधुनिक ऑडिटोरियम की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

465 सीटों वाले इस नए सभागार में प्रसारण संग्रहालय म्यूजियम, संस्कारगीत कॉर्नर, रिहर्सल हॉल, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस के लिए सुविधा और एक कैफेटेरिया की सुविधा एक ही छत के नीचे दी गयी है। यहां पर रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन एडिटिंग, अपलिंकिंग और ऑडियो और विजुअल कंटेंट की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए इनबिल्ट डिवाइसेज की सुविधा भी है।

संसद मार्ग पर स्थित आकाशवाणी परिसर के अंदर स्थित इस सभागार के सामने वाले हिस्से में एक विशाल रॉक गार्डन और पीछे की ओर एक बड़ा हरा भरा लॉन है। सभागार के मुख्‍य द्वारा को पुराने प्रसारण भवन के अनुरूप नियोजित किया गया है जो कि हेरिटेज भवन की एनडीएमसी सूची के अनुसार श्रेणी- II में आता है।

 उल्लेखनीय है कि यह नवप्रसारण सभागार जहां बनाया गया है वह स्‍थान पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में था। सभागार का निर्माण 15 महीनों के रिकॉर्ड समय के भीतर पूरा किया गया।

सभागार के उद्धाटन समारोह में प्रसार भारती के अध्‍यक्ष डा ए सूर्यप्रकाश , मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्‍पती , सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे तथा ऑल इंडिया रेडियो के महानिदेशक फैय्याज शहरयार भी उपस्थित थे।

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