लखनऊ: प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रदीप भटनागर ने आज दोपहर राज्य के बाढ़ग्रस्त सभी 26 जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से संवाद कर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में किसानों की फसलों को हुये नुकसान का जायजा लिया और जिलाधिकारियों को अवगत कराया कि शासन ने बीमित फसलों के क्षतिग्रस्त होने पर बीमा क्लेम के फाइनल सेटेलमेण्ट के पहले ही बीमित राशि का 25 प्रतिशत तात्कालिक राहत के रूप में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे समन्वय स्थापित करें और क्षतिग्रस्त फसलों का बीमा कंपनियों के सर्वेयर से सर्वे कराकर शीघ्रातिशीघ्र न्यूनतम 15 दिनों में बीमित राशि के 25 प्रतिशत का तात्कालिक सहायता के रूप में किसानों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने जिलाधिकारियों से कहा है कि वर्तमान समय में बाढ़ पीड़ित किसानों को तात्कालिक राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियो कान्फ्रेन्स के दौरान कतिपय जिलाधिकारियों द्वारा उनके जनपद में बीमा कम्पनियों के अधिकारियों द्वारा असहयोग अथवा उदासीनता की सूचना पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य मुख्यालय पर नोडल बीमा एजेन्सी एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कंपनी आफॅ इण्डिया लि0 के अधिकारी श्री प्रशांत कुमार को सभी प्रभावित जनपदों में बीमा अधिकारियों को जिलाधिकारियों के संपर्क में तत्काल आने और 25 प्रतिशत राहत किसानों को दिलाने में तेजी लाने के कड़े निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि बीमित फसलों के आपदा में नष्ट होने पर उनका सर्वे कटाई के समय हुआ करता है और सर्वे के उपरांत फाइनल क्लेम सेटेलमेंट के बाद भी किसानों को काफी समय तक बीमा क्लेम पाने में दिक्कतंे आती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने नोडल बीमा एजेन्सी को हिदायत दी है कि किसानांे को फौरी राहत के रूप में बीमित राशि का 25 प्रतिशत अतिशीघ्र दिलाने के बाद फाइनल क्लेम के भुगतान में भी समयबद्धता सुनिश्चित की जायेगी।
वीडियो कान्फ्रेन्स में प्रमुख सचिव कृषि श्री रजनीश गुप्ता, निदेशक सांख्यकी कृषि विभाग श्री विनोद कुमार और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।