लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री शंखलाल मांझी ने कहा है कि सभी एन0एस0-1 पाजिटिव मरीज डेंगू ग्रसित नहीं होते हैं। प्रदेश में डेंगू की भारी संख्या दर्शाये जाने से लोग भयाक्रान्त है। इस वजह से व्यवसायिक चिकित्सक एवं निजी नर्सिंग होम काफी मोटी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने जनसामान्य से अपील की, कि इन अफवाहों से सावधान रहें। बुखार होने की दशा में तत्काल सरकारी चिकित्सालय में उपचार कराएं। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के इलाज की बेहतर एवं निःशुल्क व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
श्री मांझी ने लोगों से अपील की है कि एन0एस0-1 पाजिटिव आने के बाद आई0जी0जी0, आई0जी0जी0एम0 (डेंगू) की जांच अवश्य करायें। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम एवं इलाज के लिए प्रदेश के सभी जिला स्तरीय एवं मण्डल स्तरीय चिकित्सालय में अलग से आइसोलेटेड डेंगू वार्ड बनाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा चिकित्सालयों में प्लेटलेट्स ट्रान्सफ्यूजन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
राज्यमंत्री श्री मांझी ने कहा कि बरसात का मौसम बीमारियों से भरा होता है। इस मौसम में वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के वायरस काफी तेजी से फैलते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू एक वायरस जनित बीमारी है, जिसकी चपेट में आने पर व्यक्तियों के शरीर में प्लेटलेट्स नामक रूधिर कणिका का तेजी से ह्रास (कमी) होने लगता है। उन्होंने डेंगू के लक्षणों के बारे में बताया कि डेंगू की चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार, शरीर, सर, मांसपेशियांें, आँखों के पीछे तथा कनपटी पर तेज दर्द होता है। इसके अतिरिक्त भूख का न लगना, भोजन में स्वाद न मिलना, मिचली आना, उल्टी होना, पेट में दर्द होना, नाक-मुॅह एवं मल से खून आना आदि इसके विशेष लक्षण हैं।
श्री मांझी ने डेंगू से बचाव हेतु लोगों को अगाह करते हुए कहा कि डेंगू रोग एडिज इज्पटाई मच्छर द्वारा फैलता है, जो प्रायः दिन में काटता है, इनका प्रजनन साफ इकट्ठे पानी में होता है। अतएव अपने आस-पास, छत पर रखे गमले, टायर, खुले बर्तन, कुलर आदि में पानी इकट्ठा न होने दें। पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने एवं पूरे शरीर को ढ़ककर सोयें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। फागिंग एवं कीटनाशकों के छिड़काव के लिए स्थानीय चिकित्सालयों से सम्पर्क करें।