लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ प्रदेश में संचालित समस्त योजनाओं में आवंटित बजट में कम से कम 60 प्रतिषत व्यय सुनिश्चित करते हुये उसका उपभोग प्रमाण-पत्र तत्काल प्रेशित किया जाए। उन्होंने निर्देषित किया कि इन-सीटू योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों के खातों में अनुदान की धनराषि तत्काल प्रेशित की जाए। श्री शाही ने कहा कि एन0एफ0एस0एम0 योजना एवं अन्य सभी योजनाओं में 10000 रूपये तक अनुदान वाले सभी यंत्रो को टोकन की प्रक्रिया से मुक्त कर दिया गया है। विकासखण्ड मेला आदि के आयोजन के समय इनका वितरण सुनिश्चित कराया जाये।
कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही आज कृषि निदेशालय स्थित सभागार में भारत सरकार एवं राज्य सरकार की कृषि योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री को अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2.20 करोड़ लाभार्थियों की सूची भारत सरकार को भेजी गई थी, जिसमें 1.72 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन हो चुका है। योजना के अन्तर्गत 1.13 करोड़ लाभार्थियों के आधार की टैगिंग की जानी थी, जिसमें 14.89 लाख लाभार्थियों का आधार टैगिंग ठीक हुआ है। इस पर कृषि मंत्री ने षेश लाभार्थियों का डाटा शीघ्रातिशीघ्र ठीक कराकर भारत सरकार को प्रेशित किये जाने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने आर0के0वी0वाई0 योजनाओं के अन्तर्गत किसान कल्याण केन्द्र तथा अन्य निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुये निर्देषित किया कि संबंधित योजनाओं के योजनाधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर कार्यो की प्रगति की समीक्षा करें तथा जो संस्था समय से कार्यो की प्रगति नहीं कर रही है, उसके स्थान पर दूसरी संस्था के लिए प्रस्ताव प्रेशित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देषित किया कि जिन योजनाओं के कार्य मदों में यदि किसी जनपद में प्रगति नहीं हो पा रही है तथा अन्य किसी जनपद में अच्छी प्रगति हो रही है और उनकी मांग हो तो कम प्रगति वाले जनपद से धनराषि अधिग्रहित कर मांग वाले जनपद में तत्काल स्थानान्तरित कर दी जाये, जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके एवं धन का सदुपयोग हो सके।
प्रक्षेत्र योजना की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रक्षेत्रों के विभिन्न कार्य मदों में भौतिक प्रगति हो गई है, जिसकी वित्तीय प्रगति सुनिष्चित की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपर्रा, बाॅदा में माॅडल फार्म बनाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। श्री शाही ने कहा कि किसान कल्याण केन्द्र के निर्माण हेतु जहाॅ भूमि उपलब्ध हो चुकी है, उनका प्रस्ताव तत्काल षासन को प्रेशित किया जाए, जिससे उनकी स्वीकृति प्राप्त हो सके। षोध एवं मृदा सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा में कृषि मंत्री को बताया गया कि हरदोई तथा मेरठ के लैब का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस पर उन्होंने निर्देश दिये कि लैब संबंधी संयंत्रों को यथाशीघ्र स्थापित कराया जाए, जिससे कि वे कार्य के लिये सक्षम बन सके।
जैविक खेती कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि लक्ष्य की पूर्ति षीघ्र सुनिष्चित की जाए तथा वर्मी कम्पोस्ट योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु लाभार्थी कृशकों को वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप कम्पोस्ट आदि योजना के लाभों से अवगत कराने के लिए कृशि विज्ञान केन्द्रों के सहयोग से प्रषिक्षण भी आयोजित कराए जाएं। श्री शाही ने अपर कृशि निदेषक, संयुक्त कृशि निदेषक स्तर के वरिश्ठ अधिकारियों का ब्रेन स्टार्मिंग करने हेतु 02 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम तैयार कर प्रेशित करने के निर्देष दिए।
विभाग के सभी कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने निर्देष दिये कि इस वर्श कम से कम विभाग द्वारा किसानों के हितार्थ योजनाआंे मे 25000 करोड़ रूपये का व्यय कराने के लक्ष्य की पूर्ति सुनिष्चित की जाए। उन्होंने अभी तक की प्रगति को संतोशजनक नहीं पाया और निर्देश दिये कि समस्त योजनाधिकारी अपनी-अपनी योजनाओं की प्रगति की जनपदवार नियमित समीक्षा करते रहे, जिससे कि योजनाओं में अपेक्षानुसार प्रगति हो सके और किसानों को लाभ मिल सके।
समीक्षा बैठक में विशेष सचिव, श्री मासूम अली सरवर, कृषि निदेशक, श्री सोराज सिंह, निदेशक (सांख्यिकी) श्री विनोद सिंह, अपर कृषि निदेशक, श्री राम शब्द जैसवारा व श्री वी0पी0 सिंह सहित समस्त संयुक्त निदेशक उपस्थित थे।