लखनऊ: पूर्व-छात्र सम्मेलन के आयोजन से वर्तमान में पढ़ रहे छात्रों का पूर्व के छात्रों द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों से जहां एक तरफ आत्मविश्वास बढ़ता है वहीं दूसरी तरफ उनसे सीखने को भी मिलता है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने आज यहां राजकीय इंटर कॉलेज, निशातगंज के पूर्व छात्र मिलन समारोह-2019 के अवसर पर यह विचार व्यक्त किया।
उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अनुशासन का व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। अनुशासन शिक्षक एवं विद्यार्थियों दोनों में होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश के भविष्य हैं आपके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। लक्ष्य निश्चित कर जीवन में आगे बढ़ें और लक्ष्य की प्राप्ति तक लक्ष्य के प्रति केंद्रित रहें। उन्होंने कहा कि तनाव में रहकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए जरूरी है कि नियमित जीवनशैली को अपनाकर साल भर पढ़ने की आदत डालें और तनावमुक्त होकर परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों का ज्ञान होना जरूरी है लेकिन ऐसा ना हो कि आधुनिक उपकरणों के चक्कर में असली ज्ञान से पीछे रह जाएं। इसलिए जरूरी है कि पढ़ाई को प्राथमिकता दें और होमवर्क पूरा करें उसके बाद यदि समय मिले तो संचार उपकरणों का प्रयोग करें।
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक का दायित्व केवल छात्र-छात्राओं को पढ़ाना ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कराना है। विद्यार्थी अपने शिक्षक से सीखते हैं इसलिए जरूरी है कि शिक्षक की जीवन शैली, आचरण एवं व्यवहार शालीनता भरा हो। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में केवल रटने से आगे नहीं बढ़ा जा सकते है, जरूरी है कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को क्षेत्र विशेष में उनकी रूचि के अनुसार प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों की आपस में अंताक्षरी, डिबेट आदि प्रतियोगिताएं आयोजित करवाना चाहिए जिससे विद्यार्थियों का आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान हो सके।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को किसी भी स्तर पर प्राइवेट स्कूलों के बच्चों से कमतर सुविधाएं नहीं दी जाएगी। सरकार चाहती है कि सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस, कंप्यूटर लैब सहित अन्य सभी शिक्षा से संबंधित आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था हो जिससे विद्यार्थी तकनीकी के युग युग में किसी भी स्तर पर पीछे ना रहें। सरकार का प्रयास है कि बच्चे को पढ़ाई के साथ साथ रोजगार भी मिल सके। इसके लिए सरकार ने रोजगार परक शिक्षा को पाठ्यक्रम में जोड़ा है।
पूर्व-छात्र मिलन समारोह-2019 में महापौर लखनऊ, श्रीमती संयुक्ता भाटिया, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री वी0के0 पाण्डेय, संयुक्त शिक्षा निदेशक तथा जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ सहित अनेक शिक्षक एवं पूर्व छात्र उपस्थित थे।