लखनऊः नन्द कुमार साय ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के विकास हेतु सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को अवश्य दिलाया जाये। जनजाति समाज का विकास हो और इस समुदाय के छात्र/छात्राओं का शैक्षिक विकास कराया जाये। इसके लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं। अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र सही ढंग से जारी कराया जाये। सभी जातियाँ मिलकर एक साथ चलेंगी तभी देश का विकास होगा।
यह विचार अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार श्री नन्द कुमार साय ने आज गोमतीनगर स्थित यू0पी0 स्टेट कन्सट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लि0 (यूपीसिडको) में पत्रकार वार्ता में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज यहाँ जनजाति समाज के विकास के लिए जो योजना भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही है, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जन जाति के विकास लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वित करते हुए इस समाज को लाभान्वित किये जाने का काम किया जाये इसमें किसी प्रकार की शिथिलता नहीं की जाये। उन्होंने कहा कि जनजाति के विकास के लिए राष्ट्रीय जनजाति आयोग पूरी तरह से कटिबद्ध है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या 11.34 लाख है, जो कुल जनसंख्या का 0.56 प्रतिशत है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष, सुश्री अनुसूईया यूके, सदस्य श्री हरिकृष्णा दामोर, श्री हरसद भाई चुन्नी लाल वासवा, प्रमुख सचिव समाज कल्याण, श्री मनोज सिंह, उप निदेशक जनजाति विकास श्री आर0पी0 सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित थे।