रेल एवं वाणिज्य तथा उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि, ‘एनआरटीआई को जैव शौचालय, रेल विद्युतीकरण, ढांचागत अपग्रेडेशन जैसी पिछले सात वर्षों में रेलवे द्वारा की गई पहलों पर अनुसंधान करनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि रेलवे के तहत सभी प्रशिक्षण संस्थानों को एनआरटीआई की एक प्रबंधन छत के नीचे आना चाहिए। यह न केवल अकादमिक इनपुट की गुणवत्ता में सुधार लाएगा बल्कि इससे प्रशिक्षण मानदंडों में एकरूपता आएगी, लागत में कमी आएगी तथा संसाधन उपयोग होंगे। मंत्री ने कहा कि तीन वर्ष की कम अवधि के भीतर ही, एनआरटीआई अध्ययन के एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभरा है और इसके शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को समृद्ध बनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि एनआरटीआई उच्च शिक्षा पर फोकस, रेल एवं परिवहन प्रौद्योगिकी तथा प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान के जरिये नई प्रतिभा का विकास करने के लिए एक विश्व स्तरीय संस्थान बनने की राह पर है। एनआरटीआई का लक्ष्य बहु विषयक उत्कृष्टता केंद्रों का विकास करना है जो परिवहन क्षेत्र में अनुसंधान एवं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सहयोगी निर्माण होंगे। एनआरटीआई की रणनीति करीकुलम, शोध परियोजनाओं तथा कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों के विकास पर सहयोग के लिए संस्थागत साझीदारियों के जरिये अग्रणी वैश्विक संस्थानों से दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञता प्राप्त करने पर केंद्रित है। एनआरटीआई लॉजिस्ट्क्सि, परिवहन और प्रबंधन के सभी पहलुओं में अत्याधुनिक स्नातक एवं मास्टर प्रोग्राम संचालित कर रहा है।
एनआरटीआई रेलवे एवं परिवहन क्षेत्र में विद्यमान प्रतिभाओं के लिए पेशेवर विकास में भी सहायता कर रहा है।