लखनऊः प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्यप्रताप शाही ने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिए है कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वर्क कल्चर को विकसित किया जाये। उन्होंने कहा कि सभी फैकल्टीज को एक लक्ष्य दिया जाय और उसे निश्चित समय में पूरा कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। विद्यार्थी और फैकल्टी दोनों ही स्तरों पर अनुशासन को बेहतर बनाया जाय। सभी विश्वविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज शुरू किए जाने के निर्देश देने के साथ ही साथ यथाशीघ्र बायोमैट्रिक को लागू किया जाए। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही ने आज ए0पी0सी0 सभागार में प्रदेश कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ विश्वविद्यालयों में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि शोध कार्यों को बढ़ाने के साथ-साथ उसमें गुणवत्ता को ध्यान में रखा जाये। पठन-पाठन में गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाया जाय। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि कृषि विश्वविद्यालयांे के टाॅप रैंकिंग में हमारे विश्वविद्यालयों की रैकिंग टाप-10 में हो, इसके लिए पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ प्रयास किए जाएं। उन्हांेने कहा कि विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्स में जो भी सीटें खाली है उनको स्पेशल कांउसलिंग कराकर उन पर एडमीशन लिए जायें, जिससे अधिक से अधिक छात्रों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि एक कार्ययोजना बनाकर रिसर्च, थिसिस एवं पब्लिकेशन आदि पर अधिक से अधिक कार्य किए जाने की जरूरत है।
श्री शाही ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए है कि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत अपने क्षेत्र के एक-एक जनपद को गोद ले। विश्वविद्यालय जनपदों को गोद लेकर वहां की सामाजिक आर्थिक और कृषि में स्थिति का आकलन करके उस जनपद की जी.डी.पी. को बढ़ाने के लिए रणनीति बनाकर काम करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र भी एक ब्लाक को चिन्हित कर उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन की इकोनाॅमी बनायी जाने में अपना पूरा योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 09 क्लाइमेटिक जोन के भीतर विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय से सेन्टर फार एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी।
प्रमुख सचिव कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कुल 21 कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जानी है, इसमें से 17 के0वी0के0 स्थापित किए जा चुके हैं। शेष 04 के0वी0के0 की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही समस्त आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर इन्हें भी स्थापित कर लिया जाएगा। बैठक में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों में कार्यरत कुछ कर्मियों को यूजीसी वेतनमान दिए जाने के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं विसंगतियों पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही आर0के0वी0वाई0 एवं आई0सी0ए0आर0 के अंतर्गत प्रोजेक्ट्स की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति सहित किसानों की आय में वृद्धि हेतु कृषि शोध कार्यों को बढ़ावा दिए जाने की समीक्षा की गई।