लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने राज्य सेक्टर के अंतर्गत कार्यदायी संस्थाओं को आवंटित योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि परियोजना से संबंधित समस्त कार्य आगामी 31 मार्च, 2024 तक अनिवार्य रूप से पूरा कराया जाए। साथ ही कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता का ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही मा0 मुख्यमंत्री जी से लोकार्पित करायी जाने वाली परियोजनाओं की गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में अधोमानक सामग्री का उपयोग पाये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के साथ ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई जाए।
पर्यटन मंत्री आज पर्यटन भवन में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर अयोध्या में कराये जाने वाले दीपोत्सव-2023 की तैयारियों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की भॉति इस वर्ष भी दीपोत्सव के मामले में गिनीज विश्व रिकार्ड बनाया जाना है। इसलिए इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा चूक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दीपोत्सव से संबंधित अधिकारियों को दीपोत्सव स्थल का स्थलीय निरीक्षण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने दीपोत्सव कार्य के लिए उत्तरदायी एजेंसियों के कार्यों पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या को त्रेतायुग की दिव्य एवं भव्य अयोध्या बनाना है। इसलिए अधिकारी इसमें कोई कोताही न बरते।
श्री जयवीर सिंह ने राही पर्यटक इकाइयों को पीपीपी मैनेजमेंट कान्ट्रैक्ट पर संचालित करने संबंधित कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पर्यटन विभाग के डैशबोर्ड पर यू0सी0 अपलोडिंग के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा मुख्यमंत्री जी द्वारा लोकार्पण व शिलान्यास की जाने वाली परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति के बारे में भी समीक्षा की। उन्होंने पिछली समीक्षा बैठक में निर्देशों की अनुपालन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि समीक्षा के दौरान दिये गये निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
पर्यटन मंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं को आवंटित पर्यटन विकास योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में देशी-विदेशी पर्यटकों का बड़ी संख्या में आने की संभावना है। इसको दृष्टिगत रखते हुए समस्त निर्माणाधीन योजनाओं को समय से मानक के अनुसार पूरा करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा, गोरखपुर, प्रयागराज एवं अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ेगी। इस दृष्टि से भविष्य में अवस्थापना सुविधाओं पर दबाव बढ़ेगा, इसको देखते हुए सभी कार्य पूरा कर लिया जाए।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धर्मार्थ कार्य श्री मुकेश मेश्राम ने बैठक में बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सेक्टर के अंतर्गत कार्यदायी संस्थाओं को 693 परियोजनायें आवंटित की गयी हैं। इसमें से 172 परियोजनाओं को शासन द्वारा वित्तीय स्वीकृतियॉ जारी की गयी है। उन्होंने बताया कि इन से नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद से संबंधित 08, चित्रकूट विकास परिषद से संबंधित 25 तथा मिर्जापुर विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद से संबंधित 25 परियोजनायें एवं राज्य सेक्टर से संबंधित 635 परियोजनायें हैं। इसके अलावा उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम की 156 परियोजनायें हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये कि पैनल लिस्ट में शामिल आर्किटेक्ट से ही कार्य लिया जाए। जो कार्य में निपुण नहीं है उन्हें सूची से बाहर किया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन परियोजनाओं का मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित करें ताकि परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराया जा सके।
समीक्षा बैठक में विशेष सचिव एवं प्रबंध निदेशक पर्यटन विकास निगम श्री ए0के0 पाण्डेय, निदेशक पर्यटन श्री प्रखर मिश्र, पर्यटन सलाहकार श्री जे0पी0 सिंह, विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रबंधक के अलावा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।