ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेलिया। इरफान पठान ने अपने फैंस को शुक्रिया बोलते हुए कहा- ‘मैं अपने फैंस को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्हें हमेशा उम्मीद रही है कि मैं वापसी करूंगा। मैंने अपनी यह मंजिल उनके प्यार और समर्थन से तय की है।’ सचिन तेंदुलकर ने इरफान के खेल को याद करते हुए कहा कि आपने भारत को गौरव करने लायक कई पल दिए।
इरफान पठान इंटरनेशनल क्रिकेट से काफी समय से दूर थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच 2012 में खेला था। वे मौजूदा सीजन में घरेलू क्रिकेट भी खेलने नहीं उतरे। इरफान फिलहाल जम्मू कश्मीर की टीम के मेंटॉर हैं। उन्होंने अपने करियर में 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेले। उन्होंने 173 इंटरनेशनल मैचों में कुल 301 विकेट लिए। इरफान ने टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और छह अर्धशतक भी जमाए हैं। उन्होंने वनडे में भी पांच अर्धशतक लगाए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इरफान पठान ने अपने करियर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने कहा कि उनका स्विंग पर हमेशा पूर्व की तरह अधिकार बना रहा। उन्होंने कहा कि उनके प्रदर्शन में गिरावट के लिए तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल को दोष देना चीजों को मुद्दों से भटकाना मात्र था। इरफान ने कहा कि इस तरह की सभी बातें लोगों का ग्रेग चैपल को लेकर करना, ये सब चीजों को मुद्दों से भटकाना के लिए था। इस तरह की बातें भी सामने आईं कि इरफान दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। इरफान का स्विंग पर पहले जैसा अधिकार नहीं रहा, लेकिन लोगों को यह समझने की जरूरत है कि पूरे मैच में आपको वैसी स्विंग नहीं मिलेगी, जैसी पहले 10 ओवरों में मिलती है। मैं अब भी गेंद को स्विंग कराने में सक्षम हूं।
इरफान ने कहा कि लोग मेरे प्रदर्शन को लेकर बात करते हैं, लेकिन मेरा काम अलग तरह का था। मुझे रनों पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया था, क्योंकि मैं पहले बदलाव के रूप में आता था।
श्रीलंका में 2008 में मैच जीतने के बाद बाहर कर दिया गया था। देश के लिए मैच जीतने के बाद बिना किसी वजह के किसी को बाहर किया जाता है? कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि इरफान पठान लंबी अवधि तक खेल सकते थे, लेकिन चोट के कारण भी वह अपनी असली काबिलियत का खुलकर प्रदर्शन नहीं कर पाए। आईपीएल 2008 के बाद पठान के सभी तीनों फॉर्मेट में खेलने की इच्छा पर सवाल उठाए गए, लेकिन इस ऑलराउंडर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी।उन्होंने कहा कि वो हमेशा तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहता था।
वे 2009-10 में पीठ दर्द से परेशान रहा। वो दो साल तक पीठ दर्द से जूझता रहा और स्थिति बिगड़ती रही, लेकिन मैंने रणजी ट्रॉफी में खेलना नहीं छोड़ा। पठान ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए। इरफान पठान ने अपने पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले की भी तारीफ की।