28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ ही खेल भी जरूरी: डा दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। बच्चों का साहित्यिक शैक्षिक व सांस्कृतिक उन्नयन देश के निर्माण का आधार है। उन्होंने कहा कि युवाओं में कुछ कर गुजरने की तमन्ना व क्षमता होती है। युवा उत्साही एवं दृढ प्रतिज्ञ होता है। उन्होंने कहा कि  बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ ही खेल भी जरूरी है। खेलों से शारीरिक विकास भी होता है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फिट इंडिया का मंत्र दिया है, क्योंकि उनका मानना है कि चुस्त-दुरूस्त व स्वस्थ शरीर होने से  कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। इसीलिए शिक्षा के साथ ही खेलकूद पर भी माध्यमिक शिक्षा परिषद जोर दे रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने आज प्रयागराज में 65वीं प्रदेशीय विद्यालयीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए अलग-अलग जिलों से बच्चों के एक स्थान पर एकत्रित होने पर गर्व की अनुभूति होती है। बच्चों के मार्च पास्ट की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स प्रतियोगिता एक विशेष आयोजन है। उन्होंने कहा कि जो विजयी होंगे उन्हें तो बधाई है पर जो नहीं जीतेंगे उन्हें भी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए बधाई है। गिरते हैं घुडसवार ही मैदाने जंग में…… कहावत को कहते हुए डा शर्मा ने कहा कि प्रतियोगिता में शामिल होना ही बडी बात है। यह अनुभव देने के साथ ही जीत की राह भी सिखाता है। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद छात्रों में  देश का भावी नेतृत्व शामिल है। आज दुनिया में भारत सबसे बड़ा युवा देश है और इस देश में यूपी सबसे युवा राज्य है। यहां के युवाओं पर इस बात का पूरा भरोसा है कि वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास में भागीदार बनेंगे।

डॉ शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले छात्र छात्राओं की संख्या कई देशों की आबादी से अधिक है। शिक्षा का इतना बडा केन्द्र जब किसी प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन करता है तो वह दर्शनीय होती है। यह सभी की अभिलाषा है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, परीक्षाएं नकलविहीन हों, शिक्षक सुखी मन हों साथ ही तनावमुक्त विद्यार्थी हों। वर्तमान सरकार इसके लिए कार्य कर रही है। यह गर्व का विषय है कि सरकार नकलविहीन परीक्षाएं कराने में सफल रही है। आने वाले समय में भी नकलविहीन परीक्षाएं ही होंगी। नकलविहीन परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों पर कैमरे, वायस रिकार्डिंग व राउटर की व्यवस्था की गई है। परीक्षा केन्द्रों के आवंटन को भी पारदर्शी बनाया गया है। इसमे किसी प्रकार की गड़बड़ी पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। इन व्यवस्थाओं से शिक्षा के क्षेत्र में बडा सुधार आया है।

सरकार ने पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए एनसीईआरटी के कोर्स को लागू किया है। किताबों में भी एकरूपता लाई गई है। अब परीक्षा तिथियों की घोषणा भी एक वर्ष पूर्व ही कर दी जाती है। वर्तमान सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बडा बदलाव लाई है। सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  के स्कूलों से ज्ञान अर्जित करने वाले बच्चे व उनके अभिभावक ज्ञान अर्जन की नई व्यवस्था पर गर्व की अनुभूति कर सकें। वर्तमान में वित्तविहीन विद्यालयों की संख्या 20 हजार से अधिक है जबकि अनुदानित विद्यालयों की संख्या 4500  तथा राजकीय विद्यालयों की संख्या 2500 है। इस स्थिति में अनुदानित व वित्तविहीन कालेजों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की भी बडी जिम्मेदारी है। सरकार राजकीय विद्यालयों में सुधार ला रही है। स्मार्ट क्लास आरंभ किए गए हैं। इस बात के भी प्रयास हैं कि सभी प्रयोगशालाएं उपकरणों से युक्त हों।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More