लखनऊ: ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ अर्थात् सभी सुखी होवें और सभी निरोग रहें। इसी निर्मल कामना और अटल संकल्प से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने साढ़े चार वर्षों के अपने कार्यकाल में जन-जन को विकास योजनाओं का भागीदार बनाया है। सड़क, सिंचाई, संचार, बिजली, आवास तथा पेयजल जैसे अवसंरचना विकास का कार्य हो या सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य, इन सभी क्षेत्रों में यूपी सरकार ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों का कायाकल्प करते हुए प्रदेश को एक्सप्रेस प्रदेश बनाने की ओर बड़ी सफलता हासिल की है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को समर्पित 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के कार्य को पूरा कर लिया गया है। आजमगढ़, संतकबीर नगर, अंबेडकर नगर तथा गोरखपुर के विकास के लिए 91 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रगति पर है। चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन तथा इटावा जिलों के विकास के लिए 297 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का कार्य भी गतिमान स्थिति में है। ठीक इसी प्रकार 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अपने अंतिम चरण में है। इन सभी एक्सप्रेस-वे से न केवल यातायात की रफ्तार बल्कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास की रफ्तार में भी गुणात्मक वृद्धि सुनिश्चित है।
यह सर्वविदित है कि तकनीक के इस युग में कृषि, उद्योग तथा सेवा क्षेत्र में विद्युत की मांग लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश की योगीनीत सरकार ने अपने साढे़ 4 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश की इसी विद्युत आवश्यकता को पूरा करने के लिए विद्युत उत्पादन क्षमता को 6 हजार मेगावाट बढ़ाकर 28,422 मेगावाट तक पहुंचा दिया है। इसके साथ ही प्रत्येक जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई है। अति दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रतिदिन 18 घंटों से अधिक विद्युत आपूर्ति हो रही है। किसानों और गरीबों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए रु०12 हजार 500 करोड़ की सब्सिडी भी दी जा रही है। प्रदेश सरकार के विकास कार्यों की रोशनी हर घर पहुंच सके इसके लिए सरकार ने ‘सौभाग्य योजना’ चलाकर 1.41 करोड़ घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। हर घर, हर खेत, हर उद्योग तक पहुंची विद्युत न केवल रोजमर्रा के घरेलू कार्यों को आसान कर रही है बल्कि सूक्ष्म व कुटीर उद्योगों को भी प्रोत्साहित कर रही है। इस प्रकार सौभाग्य योजना हर नागरिक के भाग्य को सौभाग्य बनाकर रोशन कर रही है।
इसी प्रकार बेघर लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण करवाया है। ‘मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण’ के तहत 90,255 आवास आमजन के लिए बनाए गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ‘हर घर नल योजना’ चलाकर 30 हजार ग्राम पंचायतों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जा रही है। विद्युत आवास, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद मनो-सामाजिक अथवा शारीरिक कारणों से समाज के जिस संवेदनशील वर्ग तक विकास में बराबरी की भागीदारी नहीं कर पा रहे हैं, सरकार उनके समावेशन के लिए अनेक कार्यक्रम और योजनाएं चला रही है।
दिव्यांगजनों की पेंशन रु० 200 से बढ़ाकर रु० 500 प्रतिमाह कर दी गई है। 11.19 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। कुष्ठ दिव्यांगजनों को प्रतिमाह रु० 2500 की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। दिव्यांग युवक-युवतियों को विवाह हेतु क्रमशः 15 हजार रुपए तथा 20 हजार रुपए प्रदान किए जा रहे हैं। निराश्रितों व वृद्धजनों को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जो सरकार व नागरिकों की दूरी को समाप्त कर सभी को एक परिवार का सदस्य होने की अनुभूति कराती है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 1 लाख 52 हजार से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह किए जा चुके हैं। इसी प्रकार अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अच्छे रोजगार की तलाश कर रहे युवा वर्ग के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ चलाई गई है। यह योजना प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को निरूशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराती है। वर्तमान तक 52 हजार अभ्यर्थी इस योजना का लाभ ले चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धारणीय विकास को समर्पित दूरदर्शिता न केवल मानवीय समाज तक सीमित है बल्कि पशुओं को भी सुरक्षा और संरक्षण देने वाली है। प्रत्येक जनपद में दो-दो वृहद गोवंश संरक्षण केंद्रों की स्थापना की जा रही है। प्रदेश भर में 278 ऐसे केंद्र खोले जाने के लिए 303.60 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसी प्रकार प्रकृति को भी उन्होंने हरीतिमा से संवारने के सफल प्रयास किए हैं। उनके कार्यकाल में अब तक 39.42 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। गंगा हरीतिमा अभियान के अंतर्गत बिजनौर से बलिया तक गंगा के दोनों किनारों पर 9 करोड़ पौधे रोपे गए हैं।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्यार्थी वर्ग, महिला, वंचित वर्ग, दिव्यांगजन, किसान, वृद्धजन तथा निराश्रित वर्गों तक विकास योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव पहुंचाया है। पशु और प्रकृति को भी उचित सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया है। सरकार की इन उपलब्धियों को देखकर कहा जा सकता है कि वर्तमान में प्रदेश सरकार का हर प्रयास समावेशन और अंत्योदय को समर्पित है।