देहरादून: प्रतिभाओं का उचित सम्मान करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रतिभावान बच्चों को आगे बढाने में मदद के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए निजी प्रयासों को समावेशी किया जाए। देश, समाज, राज्य, व्यक्ति के तौर पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने का दायित्व हम सभी का है। हमें एक प्रतिस्पर्धी राज्य के रूप में निखर कर आगे आना है। एक स्थानीय होटल में अमर उजाला मेधावी छात्र सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने बचपन के संस्मरण बताते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा में अध्यापक के साथ ही मां की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मेरिट में दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चे भी अपना स्थान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में शैक्षिक वातावरण हमारी प्राथमिकता है। प्रतिभावान मावन सम्पदा उŸाराखण्ड की धरोहर है। आने वर्षों में करोड़ों दक्ष मानव की आवश्यकता होगी। हमें इस अवसर का लाभ उठाना है और युवाओं में स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने उŸाराखण्ड बोर्ड 2015-16 में मेरिट में स्थान पाने वाले प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी, संसदीय सचिव राजकुमार, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, देहरादून के मेयर विनोद चमोली सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।