लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय आमजनों को उचित दर पर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने एवं एम्बुलेंस के किराये की दरों में एकरूपता के दृष्टिगत निजी अस्पताल/एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस के किराये की दर को निर्धारित कर दिया है। एम्बुलेंस संचालक द्वारा निर्धारित किराये से अधिक किराया लेने पर एम्बुलेंस का पंजीयन एवं चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।
इस संबंध में प्रमुख सचिव, परिवहन श्री राजेश कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि चार श्रेणियों की एम्बुलेंस के किराये का निर्धारण किया गया है। टाइप-ए रोड एम्बुलेंस/मेडिकल फस्र्ट रेस्पाॅडर हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 500 रुपये एव 10 किलोमीटर के बाद 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर निर्धारित की गई है। टाइप-बी रोड एम्बुलेंस/पेशेंट ट्रान्सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपये तक की मारूती ओमनी, टाटा मैजिक, मारूती इको आदि) हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 1000 रुपये तथा 10 किलोमीटर के बाद 20 रुपये प्रति किलोमीटर देय होगा।
श्री सिंह नेे बताया कि इसी प्रकार टाइप-सी रोड एम्बुलेंस/बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपये से अधिक 10 लाख रुपये तक की महिन्द्रा बोलोरो आदि) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर का किराया 1500 रुपये तथा इसके बाद 25 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। साथ ही टाइप-डी रोड एम्बुलेंस/एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (10 लाख से अधिक की टाटा विंगर, फोर्स टेªवलर, टाटा 407 आदि) हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 2000 रुपये एवं इसके बाद 30 रुपये प्रति किलोमीटर देय होगा। उन्होंने बताया कि पेशेंट ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस, बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के निर्धारित दरों में आक्सीजन, एम्बुलेंस उपकरण, पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फेस शील्ड, सेनेटाइजर, चालक, अपेक्षित ईएमटी तथा डाक्टर सम्मलित हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मोटर अधिनियम के तहत एम्बुलेंस को परमिट एवं कर से मुक्त रखा गया है। एम्बुलेंस का उपयोग व्यवसायिक न होकर अनन्य रूप से मरीज या घायल के परिवहन के लिए किया जाता है, जो एक प्रकार से सामाजिक सेवा है। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस के किराये की दरों पर नियंत्रण हेतु विभिन्न जिलों में समय-समय पर अधिसूचनाएं जारी की गई हैं, जिनकी दरों में भिन्नता पाई गई। वर्तमान में कोविड-19 की महामारी के दृष्टिगत पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस की दरों में एकरूपता के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।