नई दिल्ली: आपदा जोखिम कटौती पर एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) 2016 आज यहां प्रारंभ हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन किया गया था। सम्मेलन में एशिया क्षेत्र में सेंडई रूप रेखा लागू करने के निर्देश स्थापित करने की दिशा तय होगी।
सेंडई रूपरेखा( 2015 -2030) को जापान में मार्च 2015 में सेंडई में डीआरआर पर तीसरे विश्व सम्मेलन द्वारा स्वीकार किया गया था। एसएफडीआरआर लक्ष्यों को चिन्हित करता है और आपदा जोखिम कम करने कि दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई करता है।
अगले तीन दिन तक मंत्री, प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख, आपदा प्रबंध के विशेषज्ञ तथा हितधारक डीआरआर से संबंधित विशेष विषयों पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री के अपर सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने सतत विकास के लिए आपदा जोखिम, लचीली दृढ़ असंरचना विषय पर विचार गोष्ठी की अध्यक्षता की। इसका उद्देश्य भविष्य को जोखमों को कम करना और एशिया क्षेत्र में सतत विकास का लक्ष्य हासिल करना है।
सेंडई रूपरेखा की चार प्राथमिकताओं – आपदा जोखिम की समझ, आपदा जोखिम शासन, लचीलेपन के लिए आपदा जोखिम कमी में निवेश और कारगर उत्तर के लिए आपदा तैयारियों – पर चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।