नई दिल्ली: विश्व स्तरीय तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के अतिरिक्त, सरकार तृतीयक,प्राथमिक एवं द्वितीयक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के जरिए देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाने पर भी केंद्रित है।’ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 44वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के दौरान ये उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने यह भी कहा कि देश में जनसंख्या दबाव को देखते हुए सरकार सार्वजनिक निजी साझेदारियों (पीपीपी), जहां निजी क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है, के जरिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की मांग एवं आपूर्ति के बीच के अंतराल को भरने की कोशिश कर रही है। इस अवसर पर केंद्रीय दूरसंचार एवं रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार ने कई स्वास्थ्य चुनौतियों पर सफलतापूर्वक विजय पायी है, देश में मलेरिया जैसे ऐसे कई स्वास्थ्य मोर्चे हैं जिनपर अभी भी विजय पाने की आवश्यकता है। गृहमंत्री ने साफ-सफाई, स्वच्छता की दिशा में ध्यान आकर्षित किया जो कई रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं और नागरिकों से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ ‘स्वच्छता अभियान’ में योगदान देने का आग्रह किया। श्री सिंह ने यह भी कहा कि यह संस्थान चिकित्सा प्रतिभा की एक नर्सरी है और इसे देश में चिकित्सा मानव संसाधनों की बढ़ती जरूरतों की पूर्ति के लिए विस्तारित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जानकारी दी कि संस्थान की विस्तार योजनाओँ पर कार्य आरंभ कर दिया गया है और ये कार्य प्रगति पर हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘मुझे यहां ‘प्रेरणादायी‘ और ‘अध्यात्मिक अनुभूति हो रही है क्योंकि आप लोग उस क्षेत्र से हैं जहां लोगों की जानें बचाई जाती है। मरीजों की जान बचाने तथा सफल उपचार के बाद चिकित्सक गहरे संतोष का अनुभव करते हैं, इसलिए चिकित्सकों का यह व्यवसाय बहुत महान कार्य है।’
समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए संस्थान के अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि चिकित्सा,शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ मानकों को सुनिश्चित करना हमारी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और देश के विभिन्न भागों में 12 नए एम्स की स्थापना की जा रही है जिससे कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के समकक्ष चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य के मानक निर्धारित किये जा सकें। श्री नड्डा ने कहा कि वर्तमान प्रमुख चिकित्सा महाविद्यालयों का भी सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचे तथा सुविधाओं के साथ उन्नयन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि नए एम्स सेवा के उन्हीं मानकों के समकक्ष होंगे जो नई दिल्ली स्थित एम्स के है। उन्होंने कहा कि एम्स ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मानक की स्थापना की है। उन्होंने दोहराया कि ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ एक राष्ट्रीय लक्ष्य है और सरकार के लिए प्राथमिकता है और मंत्रालय अगले दो वर्षों में दिल्ली स्थित एम्स की क्षमता को दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
समारोह के दौरान 693 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की। श्री नड्डा ने लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किए। दिल्ली स्थित एम्स के हीरक जयंती स्थापना वर्ष के अवसर पर एक स्मारक टिकट का भी अनावरण किया गया। दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम.सी.मिश्रा, एम्स के डीन प्रोफेसर बलराम ऐरन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं एम्स के संकाय तथा छात्र भी उपस्थित थे।