16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अमित शाह आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित जनजातीय नायकों के गौरव समारोह में भी शामिल हुए

देश-विदेश

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जबलपुर, मध्यप्रदेश में महान बलिदानी राजा शंकरशाह व उनके पुत्र कुंवर रघुनाथशाह को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।श्री अमित शाह आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित जनजातीय नायकों के गौरव समारोह में भी शामिल हुए।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने ने राजा शंकरशाह व कुंवर रघुनाथशाह की स्मृति में 5 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले संग्रहालय का भूमिपूजन और जनजातीय नायकों पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया।साथ ही उन्होंने आज़ादी में जनजातीय नायकों पर केन्द्रित एल्बम का विमोचन भी किया।इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा किआज़ादी के अमृत महोत्सव पर आज मैं यहाँ अमर बलिदानी राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथशाह को श्रद्धांजलि देने यहाँ आया हूँ। आज ही के दिन 1857 में इन दोनों पिता पुत्र ने माँ भारती के पैरों से ग़ुलामी की जंजीरों को काटने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।श्री शाह ने कहा कि हम कल्पना कर सकते हैं कि उस दिन का माहौल कैसा होगा,जब इन दोनों पिता पुत्र को अंग्रेजों ने तोप से बाँध कर उड़ा दिया होगा तब यहाँ के लोगों और देशभर के देशभक्तों के मन में कितना सन्ताप रहा होगा । श्री शाह ने कहा  लेकिन उनके मुख पर कोई दुख और विषाद नहीं दिखा। माँ दुर्गा की स्तुति करते-करते और अगला जन्म माँ भारती की सेवा के लिए फिर से इसी धरती पर मिले ऐसी प्रार्थना करते-करते वे दोनों वीर बलिदान अमर हो गए।इन अमर बलिदानी के कारण हम 75 साल से स्वतंत्रता में सांस ले रहे हैं।1857 से शुरू हुई हमारी आज़ादी की क्रांति 15 अगस्त 1947 को समाप्त हुई।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले 75 साल में अलग-अलग लोगों ने इस देश को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन इस वर्ष, लोकप्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक संकल्प लिया है कि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे और ऐसे गुमनाम शहीदों को, उनकी स्मृति और बलिदान को पुनर्जीवित करने का काम करेंगेक्योंकि जो इतिहास लिखा गया उसमें उनका नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पता चला कि एक कविता लिखने पर किसी को तोप के सामने बांधकर उड़ा दिया जाता है तो मुझे यहाँ आने का कौतुहल हुआ और मैं इस पवित्र भूमि पर आया और तबसे से अमर बलिदानी इन पिता- पुत्र के प्रति मेरे ह्रदय में एक विशेष स्थान है। श्री अमित शाह ने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश सरकार ने उनका स्मारक बनाने का जो निर्णय किया है उसकी नींव रखने का मुझे सौभाग्य मिला है।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश भर में कई ज़िलों और प्रदेशों में ऐसे अनेकानेक वीर बलिदानी है जिनको इतिहास में स्थान नहीं मिला, उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि क्या किसी भी देश की युवा पीढ़ी ये चाहेगी कि जिन अमर बलिदानियों ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया हम उन्हें भूल जाएँ? श्री शाह ने कहा कि हम ऐसा कभी नहीं चाहेंगे और इसलिए आज़ादी के अमृत महोत्सव में हम सभी जाने अनजाने शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के जज़्बे को पुनर्जीवित कर उसे आज की युवा पीढ़ी में रोपित करने का काम करेंगे, इसलिए प्रधानमंत्री ने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने का फैसला लिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि आज़ादी का क्या है। उन्होंने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव नई पीढ़ी में देशभक्ति का ज्वर जगाने, युवा पीढ़ी को भारत के गौरव के साथ जोड़ने, भारत को दुनिया में सिरमौर बनाने का संकल्प लेने, 130 करोड़ भारतीयों का जीवन स्तर उठाकर सबको समान अधिकार मिले और हर व्यक्ति तक संविधान की भावना पहुँचाने का प्रयास आज़ादी का अमृत महोत्सव है। उन्होने कहा कि कर्तव्य के प्रति हर नागरिक में जागरूकता पैदा करना और हर भारतीय के मन में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेना आज़ादी का अमृत महोत्सव है।

श्री अमित शाह ने कहा कि इस संस्कारधानी की पवित्र मिट्टी को छूने के लिए आया हूं जहां रघुनाथशाह, शंकरशाह का बलिदान हुआ और यह स्मारक जो बनेगा उससे मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हजारों साल तक न केवल इस क्षेत्र के बल्कि पूरे देश के युवाओं को पिता-पुत्र का बलिदान प्रेरणा देता रहेगा। श्री शाह ने कहा कि यह रानी दुर्गावती का क्षेत्र है जिन्‍होंने मुगलों के सामने लड़ते-लड़ते देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। उनका कहना था कि आजादी के अमृत महोत्सव में 1947 से लेकर आज तक जितने भी बलिदानी, जो गुमनाम है उनके बलिदान को देश के युवाओं के सामने रखने का एक महत्वपूर्ण काम प्रधानमंत्री जी ने उठाया है जबकि आजादी के आंदोलन का इतिहास लिखने वालों ने जनजाति के वीर योद्धाओं को भुलाने का काम किया। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि 1857 से लेकर 1947 तक जनजाति के नेताओं ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो बलिदान दिए हैं उन्हें पहले की सरकारों ने भुला दिया,उन्हें गुमनाम रखा इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उन सभी वीर नायकों को उनका सम्मान दिलाने का  काम किया है जिससे नई पीढ़ी इनके बारे में जान सके।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को कौन भूल सकता है। उन्होने कहा कि जवाहर सिंह बुंदेला,मधुकरशाह, ढिल्लनशाह,शिवेंद्रशाह,हिरेन्द्रशाह,हिम्मत सिंह गोंड और भाव सिंह गोंड जैसे अनेक वीरों ने  स्वतंत्रता सेनानियों का नेतृत्व कियाथा और आज़ादी कीलड़ाई को जारी रखा था इसीलिए हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने यह निर्णय किया है कि देश्भर में जनजाति संग्रहालय बनाए जाएँ। इनसे देशभर के युवाओं को जनजातीय नेताओं की जानकारी दी जाएगी और कोने-कोने से वीर नेता जिन्होंने आजादी के लिए बलिदान दिया, संघर्ष किया है उनको ढूंढ-ढूंढ कर उनके इतिहास को पुनर्जीवित कर उनकी स्मृति को संजोकर यह संग्रहालय बनाए जाएंगे। गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश  छत्तीसगढ़, केरल, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर तथा मिजोरम सहित नौ स्थानों पर 200 करोड़ रूपये की लागत से यह संग्रहालय बनाए जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि  मोदी सरकार जनजाति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।उन्‍होंने कहा कि भाषण के अंदर जनजाति कल्याण की बात करना हो और जमीन पर उतारना बहुत अलग चीज है, पहले यही होता रहा कि मध्यप्रदेश में जनजातियों के लिए विकास करने के लिए ढेर सारे वादे किए जाते रहे। श्री नरेंद्र मोदी जी ने ढेर सारे कदम उठाए और शिवराज जी ने जनजाति को अधिकार देने की एक नए प्रकार की शुरुआत की है। श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद जनजातियों के लिए वार्षिक बजट 2013-14 में जो 4200 करोड़ रूपये था,उसे दोगुना करते हुए वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 7,900 करोड रूपये करने का काम किया है। अलग-अलग डिपार्टमेंट के लिए 2013-14 में 21,500 करोड रूपये का बजट था और अब माननीय मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बढ़ाकर 2021-22 के बजट में 78,900 करोड रूपये का किया जो लगभग 4 गुना है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बच्चे को अगर अच्छी शिक्षा मिलेगी तो वह संविधान के कर्तव्य जान पाएगा। आदिवासी गांव से स्कूल तक जाना बहुत कठिन होता है इन परिस्थितियों को मोदी सरकार ने समझा और प्रधानमंत्री जी ने एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल का मॉडल अपनाते हुए हर ब्लॉक में एक रेजिडेंशियल स्कूल बनाने का काम किया है जिससे प्रत्येक आदिवासी बहुल ब्लॉक में स्कूल बनाया जा रहा है और अब तक लगभग 160 एकलव्‍य रेसिडेंशियल स्कूल स्वीकृत कर दिए गए हैं। श्री शाह ने यह भी बताया कि मोदी जी की संकल्पना से ट्राईबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना हुई।

श्री अमित शाह ने कहा कि आदिवासी जनजाति के लोग दिन भर मेहनत करते हैं और जब यह वन उपज को खरीद कर बेचने जाते थे तब उन्हें कुछ नहीं मिलता थापहले9 राज्य में केवल 10 उत्पादों को कवर किया गया था किंतु आज श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी राज्यों में कवर कर 10 की जगह 49 उत्पादों को एमएसपी पर खरीदने की शुरुआत की है। पहले खदान से कोयला निकाला जाता था किंतु क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया जाता था और अब श्री नरेंद्र मोदी ने तय किया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के तहत एक निश्चित हिस्सा जनजाति विकास के लिए किया जाएगा जो डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के अंडर में होगा और इसके तहत 5 साल में 51,000 करोड रूपये जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए अलग से किया गया है। 33 लाख छात्रों को 2,000 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी और मणिपुर में एक खेल यूनिवर्सिटी बनाने का भी काम किया जा रहा है। श्री शाह ने राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार जनजाति विकास के लिए ढेर सारे सराहनीय काम कर रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्य में, हमेशा वंचितों के लिए काम करने का प्रयास करती है और जनजाति के कल्याण के लिए समर्पित सरकार है। इस सरकार में कल्याण योजनाएं भी इस प्रकार बनाई गई है कि इसे स्वीकारने में किसी को संकोच न हो और गौरव के साथ स्वीकार कर सकें। श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वनवासी भाइयों को, जनजाति भाइयों को घर देने का काम किया गया, बिजली दी गई, शौचालय दिए गए,5लाखरूपयेतक का प्रधानमंत्री आरोग्य कार्ड देने का काम किया गया और शुद्ध पीने का पानी भी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। जनजाति समाज का जीवन स्तर ऊंचा उठे और वे गौरव के साथ समाज में जी सके मोदी सरकार इसका निरंतर प्रयास कर रही है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में हमारी हर राज्य सरकार जनजाति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित है। श्री अमित शाह ने कहा कि मेरा आपसे एक ही निवेदन है कि अलग-अलग बात से अलग-अलग काम से जो जनजाति समाज को अलग करने का प्रयास कर रहे हैं उनके प्रयास को सफल नहीं होने देना, उन्होंने कहा किदेश का विकास जनजाति और सारे पूरे समाज को एकजुट कर ही किया जा सकता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More